मुंबई/दि.30 – राज्य सरकार ने तृतीय पंथियों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का फैसला किया है. तृतीय पंथियों को इसके लिए पहचान प्रमाणपत्र और आवासीय प्रमाणपत्र जमा करवाने की आवश्यकता नहीं पडेगी. सरकार ने तृतीय पंथियों को पहचान और आवासीय प्रमाण जमा कराने को लेकर छूट दी है. राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले तृतीय पंथियों को दोनों प्रमाणपत्र जमा करने की मांग नहीं की जाएगी. प्रदेश सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण विभाग ने राशन कार्ड मुहैया कराने को लेकर शासन आदेश जारी किया है.
शासनादेश के अनुसार तृतीय पंथी राशन कार्ड पाने के लिए मुंबई व राज्य एड्स नियंत्रण संस्था की सूची में नाम होने का सबूत जमा करा सकेंगे. मतदाता पहचान पत्र भी जमा कराया जा सकता है. यदि मतदाता पहचान पत्र भी जमा कराया जा सकता है. यदि मतदाता सूची में लिंग के रुप में किन्नर उल्लेख नहीं है तो भी आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा. जिलाधिकारी की ओर से वितरित किये गये प्रमाणपत्र को भी तृतीयपंथी जमा करा सकेंगे. सामाजिक न्याय विभाग के जिला समाज कल्याण अधिकारी अथवा प्राधिकृत राजपत्रित अधिकारी द्बारा किन्नर के रुप में जारी प्रमाणपत्र दिया जा सकेगा. किन्नर कल्याण के लिए काम करने वाले ट्रस्ट अथवा सहकारी संस्था द्बारा जारी पंजीयन प्रमाण पत्र भी जमा कराया जा सकेगा. यदि उक्त में से कोई भी कागजात और आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होगा तो तृतीयपंथियों को स्वघोषणा पत्र देना होगा. तृतीयपंथियों को नया राशन कार्ड उपलब्ध कराने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को विशेष अभियान चलाना होगा. इस अभियान के तहत मुंबई व राज्य एड्स नियंत्रण संस्था के क्षेत्रिय अधिकारी, स्वयंसेवी संस्था और सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों की मदद से तृतीय पंथियों को राशन कार्ड उपलब्ध कराना होगा.