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नाशिक की दुर्घटना से समूचे महाराष्ट्र में शोक लहर
मुंबई/ दि.21 – कोरोना के संकट से देश दुर्दैव के दृष्टचक्र में फंसा है. कुल मिलाकर कोरोना के साथ विषम प्रकार की लढाई शुरु है. कही प्राणवायु नहीं, कही दवा नहीं तो कही बेड नहीं, इनके अभाव में मरीजों के हाल व मृत्यु हो रहे है, इसी में नाशिक मनपा अस्पताल में ऑक्सिजन रिसाव के दुर्घटना की खबर धक्कादायक है, दिल दहलाने वाली है. ऑक्सिजन टंके के रिसाव से 22 मरीजों को जान गवानी पडी. यह दुख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है, इस तरह की भावना मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने व्यक्त की है.
उन्होंने कहा कि एक एक कोरोना मरीज को बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार प्रयास कर रही है. उसी में इस तरह की दुर्घटना आघात करती है. राज्य की समूची यंत्रणा ने इस युध्द में स्वयं को झोंक दिया है. मृतकों के रिश्तेदारों की सांत्वना कैसे करु? उनके आंसू कैसे पोछू? दुर्घटना है फिर भी मृतकों के रिश्तेदारों का दुख बडा है. इस दुर्घटना की गहराई में जाकर जांच तो होगी ही, इस दुर्घटना के लिए जो जिम्मेदार रहेगा, उसे बक्शा नहीं जाएगा, लेकिन इस दुर्दैवी घटना पर कोई राजनीति न करे. समूचे महाराष्ट्र पर यह आघात है. नाशिक की दुर्घटना ने समूचे महाराष्ट्र में शोक लहर है. इन शब्दों में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने अपनी भावनाएं व्यक्त की.
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मृतकों के वारिसो को प्रति 5 लाख की मदत
इस संपूर्ण घटना में उच्च स्तरीय जांच करने के आदेश मैंने दिये है, ऐसा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने कहा है. मृतकों के वारिसो को प्रति 5 लाख रुपए देने की उन्होंने घोषणा भी की है.
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प्रशासन सतर्कता से काम करे
नाशिक की यह घटना सभी के लिए केवल धक्कादायक ही नहीं बल्कि प्रशासन को इस समूची लडाई में हमें काफी सतर्क होकर जाना पडेगा. यह सिखाने वाली है. आज पिछले सालभर से हम कोविड की लहर का सामना कर रहे है. उपलब्ध डॉक्टर्स, वैद्यकीय कर्मचारी दिनरात मरीजों की जान बचाने के लिए प्रयासरत है. इस स्थिति में इस तरह की लापरवाही से जान जाना मन को चुभने वाला है, ऐसा कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल शोक सात्वना कर नहीं चलेगा. ऐसी घटना भविष्य में न हो इसके लिए स्वास्थ्य यंत्रणा ने सतर्कता से काम करना चाहिए.