महाराष्ट्र

राज्य में इस बार 25,204 शालाबाह्य लडके

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षाधिकारी की सांख्यिकी रिपोर्ट

पुणे/ दि.२८ – राज्य में शालाबाह्य अनियमित व स्थलांतरित लडकों को शाला के प्रवाह में दाखल करने के लिए 1 से 10 मार्च 2021 इस समयावधि में विशेष तलाशी मुहिम अमल में लायी गई. औरंगाबाद, अमरावती व बुलढाणा जिले में कोरोना की पृष्ठभूमि पर मुहिम अमल में नहीं लायी गई. किंतु पिंपरी चिंचवड मनपा व नागपुर मनपा क्षेत्र में भी यह मुहिम शुरु नहीं करते आयी. यह क्षेत्र छोड शेष जिले की प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षाधिकारी की ओर से प्राप्त हुई सांख्यिकी जानकारी के आधार पर 25 हजार 204 विद्यार्थी शालाबाह्य पाये गए.
प्राथमिक व माध्यमिक के शिक्षण संचालक दत्तात्रय जगताप ने राज्य सरकार को इस बाबत की सांख्यिकी रिपोर्ट पेश की है. कोरोना के चलते शाला बंद करनी पडी. कक्षा पहली से चौथी के वर्ग शुरु नहीं हुए, जिससे तलाशी मुहिम में पाये गए शालाबाह्य लडके उम्र के अनुसार स्कूल में दाखिल नहीं करते आये. कोरोना प्रादुर्भाव के चलते शाला बंद होकर विद्यार्थियों के नियमित शिक्षा में बाधा निर्माण हुई है. केंद्र व राज्य सरकार बालकों को नियमित शिक्षा के लिए और बालक शालाबाह्य न हो इसके लिए प्रयासरत रहते हुए भी बढते स्थलांतर से शालाबाह्य लडकों का व उसमें भी लडकियों का प्रमाण बढने का डर है. जिससे बच्चों को शाला के प्रवाह में दाखल कर उनके शिक्षा के अधिकार की पूर्तता करना यह राज्य की दृष्टि से सर्वोच्च प्राधान्य की जरुरत है, ऐसा इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा है.

  • महत्वाकांक्षी कार्यक्रम

राज्य के शालाबाह्य, स्थलांतरीत व स्कूल में अनियमित रहने वाले बालकों की तलाशी मुहिम शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों के सहयोेग से करने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम हाथों में लिया गया. शालाबाह्य, स्थलांतरित व अनियमित बालकों को शाला के मुख्य प्रवाह में लाने के लिए संबंधित विशेष शोध मुहिम विशिष्ट समयावधि के लिए रही तो भी इन बच्चों की शिक्षा के लिए लगातार प्रयास होना जरुरी है. इस पृष्ठभूमि पर शासन स्तर से आगामी आदेश की शिक्षा विभाग को तथा महिला व बालविकास विभाग को प्रतीक्षा रहने की बात शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट की है.

 

Related Articles

Back to top button