महाराष्ट्र

राज्य में इस बार प्यासा नहीं रहना पड़ेगा, जलसंग्रह 62.11%

नागपुर जिले में धोखे की घंटी; मंत्रिमंडल का निर्णय

मुंबई./दि.8- राज्य में पानी का संचयन करीबन 62.11 प्रतिशत होकर नागपुर जिले के अलावा अन्य सभी जिलों में 55 प्रतिशत से अधिक पानी संचयन जमा है. अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में ही नागपुर जिले का पानी संचयन 46.41 प्रतिशत पर पहुंचा है.वहां पर पीने के पानी की किल्लत न हो, इसके लिए पानी के टैंकर मंजूरी का अधिकार प्रांत अधिकारी को देने का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुवार को लिया गया.
बैठक में राज्य के किल्लतग्रस्त गांव एवं उपलब्ध पानी संचयन के संदर्भ में समीक्षा ली गई. राज्य में फिलहाल 60 गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है. इन गांवों की 93 बस्तियों में 34 टैंकरों से जलापूर्ति किए जाने की जानकारी जलापूर्ति विभाग ने दी है. गत वर्ष इसी महीने की शुरुआत में 59 टैंकर से जलापूर्ति की गई थी. 60 गांवों में से 55 गांव कोकण के होने के साथ ही पांच गांव अमरावती जिले के हैं. विशेष बात यह है कि 28 मार्च से 4 अप्रैल इन आठ दिनों की कालावधि में टैंकर की मांग अधिक बढ़ी है.
* पुणे में जल किल्लत नहीं
गत वर्ष पुणे जिले में इसी समय जल संचयन 48.00 प्रतिशत था. लेकिन इस वर्ष पानी का संचयन 68.80 प्रतिशत शेष होकर इस बार पुणे वासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा, ऐसा चित्र है.
* भूजल स्तर होगा कम?
इस वर्ष राज्य में अनेक भागों में अक्तूबर में भी बारिश होने से भूजल स्तर अच्छा होगा ऐसा दावा किया जा रहा था. लेकिन गर्मी अधिक होने से भूजल स्तल कम होने का प्रमाण भी अधिक होने की संभावना है.

शेष   जल जमा (प्रतिशत में)
पुणे             68.80
नासिक         57.22
नागपुर         46.41
अमरावती    58.66
औरंगाबाद    65.54
कोकण         58.88

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