* बूथ यंत्रणा पर जोर, प्रत्येक घर तक पहुंचने का लक्ष्य
मुंबई /दि.16– पूर्व विदर्भ में पहले चरण में लोकसभा हेतु मतदान होने जा रहा है. जिससे साफ परिलक्षित हुआ है कि, भाजपा ने बडी प्रचार सभा ेलेना टाला है. केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह की जनसभाएं ली गई. भाजपा ने नई रणनीति अपनाई है. जिसमें मैदान की बजाय बूथ पर जोर दिया गया है. भीड एकत्र करने पर खर्च करन की बजाय नुक्कड सभाएं और बैठकों पर जोर दिये जाने का पार्टी का स्पष्ट आदेश रहने की बात एक पदाधिकारी ने कही.
* असली लडाई बूथ पर
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि, मतदान केंद्र प्रबंधन को जोर दिया गया है. वहां प्रबंधन मजबूत करने की नीति अपनाई गई है. वन बूथ टेन यूथ के फार्मूले के बाद इस बार प्रत्येक मतदान केंद्र पर 50 कार्यकर्ता जोडे गये है. इसके अलावा उनसे काम लेने की जिम्मेदारी वॉरियर और सुपर वॉरियर पर है. उल्लेखनीय है कि, पार्टी ने अधिकांश क्षेत्रों में नामांकन के समय भी भारी भीड करने की बजाय रैली को सिम्पल रखा था.
* मेरा बूथ मजबूत
भाजपा का मतदान केंद्र प्रबंधन अधिक सक्षम करने पर जोर रहा है. इसके लिए चुनाव तारीखों का ऐलान होने से पहले ही बूथ प्रमुख, पाना प्रमुख, शक्ति केंद्र प्रमुख की नियुक्तियां की गई. उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई. उन्हें मेरा बूथ मजबूत का घोषवाक्य दिया गया. बूथ प्रमुखों की अब तक 2-3 बैठकें हो गई है. मतदान की जोरदार तैयारी उसमें की गई. वोटर्स की ए, बी, सी, ऐसा वर्गीकरण किया गया है. ए अर्थात भाजपा का कन्फर्म वोटर, बी अर्थात पार्टी को वोट दे सकता है, सी अर्थात प्रतिकूल वोटर ऐसा वर्गीकरण रहने की जानकारी सूत्र दे रहे है. सूची के अनुसार कायक्रम रखे गये. प्रत्येक बूथ के लिए खर्च का प्रावधान किया गया है. बूथ निहाय टिफिन बैठक हुई है. कार्यकर्ताओं को घर से डब्बा लाकर एकसाथ भोजन करना है.
* बूथ यंत्रणा का काम
– चुनाव में वोटर्स को मतदान केंद्रों तक लाना.
– प्रत्येक घर तक पहुंचना.
– योजनाओं की जानकारी पहुंचाना.
– अनुकूल, प्रतिकूल वोटर्स की सूची बनाना.
– निर्वाचन क्षेत्र में धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम लेना.
* पार्टी का खर्च
– प्रत्येक मतदान केंद्र निहाय 10 से 12 हजार का खर्च
– प्रचार सामग्री, वाहन
– एक लोकसभा में औसतन 1800 से 2000 बूथ रहते हैं.