महाराष्ट्र

कैंसर के इलाज के लिए मुंबई आने वालों को आसरा

शरद पवार ने टाटा कैंसर अस्पताल को दी 100 घरों की चाबियां

मुंबई/दि.१६ – मुंबई में टाटा कैंसर अस्पताल में देश के दूर-दराज इलाकों से लोग कैंसर का इलाज करवाने आते हैं. मुंबई में रहने की ऊंची लागत की वजह से कई मरीजों के रिश्तेदारों को तब तक फुटपाथ पर सोना पड़ता है, जब तक इलाज चलता रहता है. ऐसे में इन कैंसर के मरीजों के रिश्तेदारों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने ऐसे मरीज के रिश्तेदारों के लिए 100 घरों की चाबियां टाटा कैंसर अस्पताल को सौंपी हैं. ताकि टाटा कैंसर अस्पताल तब तक उन कैंसर मरीजों के रिश्तेदारों के रहने की व्यवस्था कर सके जब तक संबंधित मरीज का इलाज अस्पताल में चलता रहे.
शरद पवार के हाथों से और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के प्रयासों से महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट ऑथोरिटी के 100 घरों की चाबियां रविवार को टाटा कैंसर अस्पताल को सौंपी गईं. टाटा कैंसर अस्पताल के प्रमुख डॉ. बडवे को शरद पवार ने ये चाबियां सौंपीं. इस मौके पर गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड, टाटा कैंसर अस्पताल के प्रमुख डॉ. बडवे सहित डॉ. श्रीखंडे, गृह निर्माण विभाग के सचिव श्रीनिवासन, MHADA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण डिगीकर आदि लोग उपस्थित थे.
सिर्फ महाराष्ट्र से ही नहीं, देश भर से टाटा कैंसर अस्पताल में इलाज करवाने के लिए अनेक कैंसर के मरीज आते हैं. उनके रिश्तेदारों को रहने का कहीं ठिकाना नहीं होता. मुंबई में रहने का खर्चा उठाना आम आदमी के बस का नहीं होता है. इसलिए ऐसे रिश्तेदारों को फुटपाथ पर रहना पड़ता है. राज्य सरकार ने ऐसे रिश्तेदारों को रहने की सुविधा उपलब्ध करवाने के मकसद से म्हाडा के 100 फ्लैट्स की चाबियां टाटा कैंसर अस्पताल प्रशासन को देने का निर्णय लिया था. रविवार उसी निर्णय को अमल में लाया गया.
ये फ्लैट्स 300 स्क्वायर फुट के हैं. ऐसे 100 फ्लैट्स टाटा कैंसर अस्पताल को दिए गए हैं, जिनके मेंटेनेंस की अब पूरी जिम्मेदारी टाटा मेमोरियल अस्पताल प्रशासन उठाएगा. इस संबंध में महाराष्ट्र का गृह निर्माण विभाग और टाटा मेमोरियल अस्पताल के बीच जल्दी ही एक करारनामे पर हस्ताक्षर किया जाएगा.
कुछ ही दिनों पहले शरद पवार पेट में दर्द की शिकायत लेकर ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हुए थे और उनके पेट में अल्सर और गॉल्डब्लेडर की सर्जरी हुई थी. चार दिनों पहले एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड उनकी तबियत का हाल पूछने के लिए उनके बंगले पर गए थे. तब शरद पवार ने जितेंद्र आव्हाड से इन घरों का प्रश्न उठाया था. तब आव्हाड ने इस बारे में ट्विट भी किया था, कल मैं साहेब से अचानक मिला. उन्होंने पहला सवाल कियाज्कैंसर पेशेंट्स के रिश्तेदारों के लिए जो घर दिए जाने थे, उनका क्या हुआ? मैंने उत्तर दिया कि साहेब घर तैयार हैं. चाबियां भी हाथ में हैं. सिर्फ इन्हें उन लोगों को सौंपना है. तब उन्होंने (शरद पवार) कहा कि देरी किस बात की?
शरद पवार के इस सवाल पर जितेंद्र आव्हाड ने कहा, मैंने कहा कि आपकी दी जाने वाली तारीख का इंतज़ार कर रहा हूं. साहेब ने कहा, ठीक है. इसी हफ्ते में यह कार्यक्रम करेंगे. पहले उन्हें घर मिलने चाहिए.

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