जिन्हें पार्टी छोडकर जाना है वह खुशी से जाए
चंद्रशेखर बावनकुले का हर्षवर्धन पाटिल पर निशाना
मुंबई /दि.28– जिन्हें पार्टी छोडकर जाना है वें खुशी से जाए, भाजपा किसी को भी नहीं रोकेगी. लेकिन थोडा संयम रखा तो पार्टी निश्चित कोई निर्णय लेगी, इन शब्दो में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भाजपा को छोडकर महाविकास आघाडी के घटक दलो में जाने की तैयारी में रहे नेताओं पर निशाना साधा. बावनकुलेे का रोष पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल पर था.
पुणे जिले की इंदापुर विधानसभा क्षेत्र की उम्मीदवारी पर से महायुती में खींचतान जारी है. महायुती की सीटों के वितरण में यह सीट उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को छुटने की संभावना है. लेकिन भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल इस सीट के लिए अडे रहने से भाजपा नेतृत्व दुविधा में आ गया है. ऐसे में हर्षवर्धन पाटिल ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार से भेंट की. इस कारण पाटिल जल्द शरद पवार गुट में जाएंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है. वें इंदापुर से अजित पवार की पार्टी के विधायक दत्तात्रय भरणे को चुनौती देंगे, ऐसी संभावना है. इस पृष्ठभूमि पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने यह वक्तव्य किया है. बावनकुले ने कहा कि, महायुती में विधानसभा की जो सीटे अजित पवार की एनसीपी को जाएगी वहां पिछले चुनाव में भाग्य अजमा चुके हमारे नेता है. लेकिन अब उन्हें रुकना नहीं है. वें थोडा संयम रखे ऐसी हमारी इच्छा है. लेकिन अंत में यदि उन्होंने कोई विचार किया ही होगा तो हम उन्हें नहीं रोक सकते.
उल्लेखनीय है कि, हर्षवर्धन पाटिल ने मंगलवार को पुणे में शरद पवार से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच काफी समय चर्चा हुई. पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने शरद पवार गुट में जाने के संकेत दिए. लेकिन बावनकुले के वक्तव्य के बाद उन्होंने तत्काल वें किसी के भी संपर्क में न रहने की बात स्पष्ट की. महायुती के सीटों का वितरण अब तक न होने से किसी को चेतावनी देने का सवाल ही निर्माण नहीं होता. इस कारण चंद्रशेखर बावनकुले का वक्तव्य मेरे संबंध में नहीं है, ऐसा कहा.
* इंदापुर की सीट से ही लडूंगा
पत्रकारों से बातचीत करते हुए हर्षवर्धन पाटिल ने कहा था कि, वें इंदापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडने के निर्णय पर कायम है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. उनका दुसरे किसी भी नेता से संपर्क नहीं हुआ है. लेकिन इंदापुर से चुनाव लडने के लिए उनके कार्यकर्ताओं की इच्छा है. कार्यकर्ताओं की भावना फडणवीस तक पहुंचाई गई है. इंदापुर पर निर्णय लेने का सर्वाधिकार फडणवीस के पास है. अजित पवार की भी इसे मंजूरी है. इस कारण यह निर्णय लेने की जिम्मेदारी फडणवीस की है.