बुलढाणामहाराष्ट्र

व्यवसायी की हत्याप्रकरण में तीन भाईयों को उम्रकैद

खामगांव सत्र न्यायालय का फैसला

खामगांव/दि. 21– तहसील के माक्ता ग्राम की झोपडपट्टी में एक किराणा दुकानदार युवक की हुई हत्या के मामले में तीन भाईयों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. यह फैसला खामगांव के जिला व सत्र न्यायाधीश जी. बी. जाधव की अदालत में मंगलवार को दोपहर में सुनाया.
जानकारी के मुताबिक माक्ता ग्राम निवासी राजेश नामदेव कलसकार से आरोपी सोपान ज्ञानदेव साबे, एकनाथ ज्ञानदेव साबे ने अपनी बहन के विवाह के लिए 50 हजार रुपए उधार लिए थे. शादी के बाद पैसे लौटाने अथवा सोपान साबे के कब्जे में रहा प्लॉट राजेश को देने का तय किया था. लेकिन बहन के विवाह के बाद भी आरोपी ने राजेश को प्लॉट तो दिया ही नहीं और पैसे भी नहीं लौटाए. इस बात पर से साबे बंधुओं के साथ राजेश का विवाद हो गया था. 8 मार्च 2020 को सुबह 11 से 11.30 बजे के दौरान इस विवाद के चलते एकनाथ, सोपान और निवृत्ति ज्ञानदेव साबे ने तलवार, लोहे के रॉड और चाकू से राजेश कलसकार पर हमला कर दिया. घटना के समय राजेश का 12 वर्षीय बेटा दुकान में डिब्बा लेकर पहुंच रहा था तब यह घटना घटित हुई. एक निजी अस्पताल में उपचार जारी रहते राजेश की रात को मृत्यु हो गई. इस प्रकरण में ग्रामीण पुलिस ने धारा 307, 302, 506, 34 तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून की धारा 3 व भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 4, 25 आर्म एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच-पडताल के बाद उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रदीप पाटिल ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की तरफ से 13 गवाहों को परखा गया. मुकदमे के दौरान शिकायतकर्ता की मृत्यु होने से उसका बयान दर्ज नहीं किया गया. घटनास्थल पंचनामे का गवाह फितूर होने के बाद सरकारी वकील ने अनेक महत्वपूर्ण मुद्दे प्रस्तुत किए और न्यायालय के सामने दोष सिद्ध हुआ. मृतक का बेटा और स्वतंत्र प्रत्यक्षदर्शी गवाह और वैद्यकीय अधिकारी गौरव गोयनका, डॉ. प्रशांत वानखडे की गवाही मुकदमे के दौरान महत्वपूर्ण साबित हुई. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद आरोपी एकनाथ साबे (32), सोपान साबे (34) और निवृत्ति साबे (44) को दोषी करार देते हुए 302, 34 के तहत उम्रकैद व प्रत्येकी 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा अन्यथा 6 माह अतिरिक्त कारवास और आरोपी एकनाथ साबे को धारा 4, 25 आर्म एक्ट के तहत दो साल कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई. आरोपियों द्वारा जुर्माने रकम अदा करने पर 35 हजार रुपए प्रकरण के पीडित को देने के आदेश भी न्यायालय ने दिए. इस प्रकरण में सरकारी वकील वसंत भटकर, अतिरिक्त सरकारी वकील क्षितिज अनोकार ने काम संभाला. खामगांव थाने की पैरवी अधिकारी चंदा शिंदे ने सहयोग किया.

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