‘108’ एम्बुलेंस से अब तक 1 करोड से अधिक मरीजों को दी सेवा
राज्य के 12 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर
* ग्रामीण जनता के बन रही जीवनदायिनी
मुंबई/दि.4-सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने सार्वजनिक निजी भागीदारी में राज्य में शुरु की 108 एम्बुलेंस सेवा राज्य में विशेषत: ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. यह सेवा शुरु होने के बाद अब तक लगभग 1 करोड से अधिक मरीजों को लाभ हुआ है.
26 जनवरी 2014 में इस सेवा प्रकल्प का काम राज्य में महाराष्ट्र इमर्जन्सी मेडिकल सर्विसेस को दिया गया. राज्य में कुल 937 एंबुलेंस के माध्यम से सेवा की शुरुआत हुई. इस प्रकल्प को महाराष्ट्र आपातकालीन वैद्यकिय सेवा यह नाम देकर राज्य में किसी भी स्थान से मोबाइल या लैन्डलाइन फोन पर 108 यह नंबर डायल करते ही वैद्यकिय आपातकालीन स्थिति में मरीजों को मुफ्त तथ्राा समय पर एम्बुलेंस सेवा पिछले दस सालों से निरंतर शुरु है. यह सेवा जनता के लिए जीवनदायिनी बनी है.
कोई व्यक्ति बीमार होगा, या दुर्घटना हुई हो अथवा स्वास्थ्य सेवा की मदद आवश्यक होगी तो 108 नंबर पर कॉल करने पर संबंधित की सेवा में एम्बुलेंस तैयार रहती है. 10 सालों में राज्य की 939 एम्बुलेंस के जरिए 1 करोड से अधिक मरीजों को सेवा दी गई है. शहरी क्षेत्र में विविध सुविधाएं रहने पर भी राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की जनता के लिए यह सेवा जीवनदायिनी बनी है.
* कोरोना काल में निरंतर सेवा
सडक हादसे, ह्दयाघात, गर्भवति माता व अन्य वैद्यकिय कारणों सहि अन्य विविध कुल 1 करोड मरीजों को सेवा देने का कार्य इस प्रकल्प ने किया है. प्रकल्प की एम्बुलेंस पर कार्यरत वैद्यकिय अधिकारी तथा एम्बुलेंस चालकों द्वारा दी जाने वाली इस निरंतर सेवा के लिए उनकी प्रशंसा की जा रही है. वर्ष 2020 में कोरोना काल में डायल 108 एम्बुलेंस सभी के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है.
* 10 साल में 40 हजार से अधिक प्रसुति
विगत दस सालों में 40 हजार 213 प्रसुति एम्बुलेंस में हुई है. एमईएमएस (महाराष्ट्र) इमर्जन्सी मेडिकल सर्विसेस प्रकल्प के कारण माता मृत्यु दर 68 से 46 और बाल मृत्यु दर 24 से 17 प्रतिशत तक कम हुआ है. सडक हादसे मृत्यु में भी 14 प्रतिशत कमी आई है, यह दावा संबंधित अधिकारियों ने किया है.
* 12 हजार युवाओं को रोजगार
इस प्रकल्प में वर्तमान में राज्य के 6 हजार से अधिक युवा कार्यरत है. नई निविदा की व्याप्ती नुसार शासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 हजार से अधिक रोजगार के उपलब्ध होने वाले है. इसके अलावा स्कूलों में लाइफ सेविंग ट्रेनिंग, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जान बचाने का प्रशिक्षण और 108 सेवा की सक्रियाता के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.