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अंतिम निर्णय आने तक औरंगाबाद नाम ही रहेगा चलन में

सरकार ने हाईकोर्ट को किया आश् वस्त

मुंबई दि.29 – राज्य सरकार द्बारा औरंगाबाद का नामांतरण छत्रपति संभाजीनगर के तौर पर किया गया है. इस नामांतरण को मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. जिस पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत में उम्मीद जताई कि, मामले की सुनवाई पूरी होने और अंतिम फैसला आने तक राज्य सरकार द्बारा नये नाम का प्रयोग नहीं किया जाएगा. जिस पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि, मामले को लेकर अंतिम फैसला आने तक छत्रपति संभाजीनगर की बजाय औरंगाबाद नाम ही चलन मेंं रखा जाएगा और फिलहाल छत्रपति संभाजी नगर के नाम को प्रयोग में नहीं लाया जाएगा.
बता दें कि, राज्य सरकार ने औरंगाबाद व उस्मानाबाद इन दो शहरों का नामांतरण करने का निर्णय लिया था. जिसके तहत औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर तथा उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव किया गया था. परंतु इस फैसले के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर अब तक सुनवाई पूरी नहीं हुई है. ऐसे मेें याचिका पर निर्णय होने तक दोनों शहरों का नाम बदलने को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आदेश अदालत ने दिया है.
ज्ञात रहे कि, तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकाल की अंतिम कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलने का निर्णय लिया था. जिसे आगे चलकर शिंदे सरकार ने स्थगिती दी थी और कहा था कि, निर्णय लेते समय ठाकरे सरकार के पास बहुमत नहीं था. वहीं इसके बाद शिंदे मंत्रिमंडल की 16 जुलाई को हुई बैठक में औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर करने का निर्णय घोषित किया गया था. इसके पश्चात एमआईएम ने औरंगाबाद व उस्मानाबाद के नामांतरण का जोरदार विरोध किया. जिसके तहत एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने औरंगाबाद शहर में काफी बडा मोर्चा निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन भी किया था.

 

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