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राज्य में रिश्वतखोरी का प्रमाण बढा,1 हजार से अधिक धूसखोरों को किया गिरफ्तार

नागपुर/ दि.9-राज्य में रिश्वतखोरी के मामले दिनों दिन बढ रहे है. 6 दिसंबर 2021 तक रिश्वतखोरी के मामलों में 720 अपराध दर्ज किए गए. रिश्वतखोरी के अपराध में 1 हजार 27 रिश्वतखोरों को एंटीकरप्शन ब्यूरो व्दारा हवालात की हवा खिलाई गई. साल 2020 में एंटीकरप्शन ब्यूरो व्दारा 663 धूसखोरो पर छापामार कार्रवाई की गई थी. 2021 में अन्य शहरों की तुलना में पुणे में धूसखोरी के सर्वाधिक मामले सामने आए है. पुणे परिक्षेत्र में एंटीकरप्शन व्दारा 6 दिसंबर तक 156 धूसखोरों पर अपराध दर्ज किए गए. पुणे एंटीकरप्शन व्दारा 228 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया गया.
नासिक परिक्षेत्र में 123 रिश्वतखोरी के मामलो में 167 लोगों को गिरफ्तार किया गया. औरंगाबाद एंटीकरप्शन व्दारा 121 अपराध दर्ज कर 169, मुंबई परिक्षेत्र अंतर्गत 48 अपराधों में 69, ठाणे में 79 मामलों में 130 तथा नागपुर में 66 रिश्वतखोरी के मामले में 86 रिश्वतखोरो को गिरफ्तार कर कार्रवाई की गई.
नागपुर की तुलना में अमरावती परिक्षेत्र अंतर्गत सर्वाधक कार्रवाई की गई. जिसमें 67 रिश्वतखोरी के मामलों में अमरावती एसीबी व्दारा 94 रिश्वतखोरों को जेल भिजवाया गया. वहीं नागुर एसीबी ने 66 रिश्वतखोरी के मामलों में 86 रिश्वतखोरों पर कार्रवाई की. नांदेड परिक्षेत्र अंतर्गत 60 रिश्वतखोरी के मामलों मे 84 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार कर जेल की हवा खिलाई.
रिश्वतखोरी में मनपा अधिकारी व कर्मचारी सबसे आगे
अब तक राज्य में 2 करोड 50 लाख 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी व्दारा गिरफ्तारियां की गई. रिश्वतखोरी के मामले में केवल पुलिस प्रशासन ही बदनाम था. किंतु इस साल दी गई रिपोर्ट के अनुसार रिश्वतखोरी में मनपा अधिकारी व कर्मचारी पहले नंबर पर है. राज्य में मनपा कर्मचारियों व अधिकारियों पर रिश्वत के 47 मामले दर्ज किए गए. जिसमें 71 अधिकारी व कर्मचारियों ने 70 लाख 28 हजार 500 रुपए की रिश्वत ली. दूसरे नंबर पर पुलिस विभाग है 161 रिश्वत के मामलों में 239 पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों ने 50 लाख 26 हजार की रिश्वत ली. तीसरे नंबर पर राजस्व व भूमि अभिलेख विभाग है. यहां 163 अपराध दाखिल किए गए जिसमें 235 अधिकारी व कर्मचारियों ने 34 लाख 69 हजार 921 रुपए की रिश्वत ली.

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