महाराष्ट्र

आज सिर्फ हिंदू नहीं, हिंदुस्तान संकट में है

शिवसेना का मोदी सरकार पर जोरदार हमला

मुंबई /दि.२३शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज (23 अक्टूबर, शनिवार) जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं और मजदूरों के पलायन और बांग्लादेश में हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार  पर ज़ोरदार हमला किया गया है. सामना संपादकीय में लिखा गया है, ” बीते 15 दिनों में कश्मीर घाटी से 220 हिंदू-सिख परिवारों ने जम्मू स्थित शरणार्थी शिविरों में शरण ली है. आज शिवसेना को हिंदुत्व का सबक सिखानेवालों को कश्मीर में हिंदुओं का पलायन और हत्या दिखाई नहीं देता है. वहीं बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. हिंदुओं की बस्तियां जलाई जा रही हैं. हिंदू लड़कियों की इज्जत पर हमला किया जा रहा है. पूरे बांग्लादेश में हिंदू समाज डर के साये में किसी तरह जी रहा है. महाराष्ट्र की खोखली हिंदुत्ववादी जो (शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है) यह कहकर गला साफ कर रहे हैं, उन्हें बांग्लादेश के हिंदुओं की दुर्दशा चिंतित नहीं करती है. कश्मीर व बांग्लादेश में जल रहे हिंदुओं की रक्षा करने का कर्तव्य मोदी सरकार को याद नहीं है.”

आगे सामना संपादकीय में मोदी सरकार को बीजेपी के ही सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की सलाह मानने को कहा गया है. सामना में लिखा है, ” भाजपा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने तो हिंदुत्व की रक्षा के लिए बांग्लादेश पर सैनिक कार्रवाई करने का सुझाव दिया है. यानी खतरे में पड़े हिंदुत्व को लेकर भावना कितनी तीव्र है, इससे समझा जा सकता है. जो उठल्लू, शिवसेना को हिंदुत्व का प्रवचन देते हैं, उन्हें दिल्ली में मोदी-शाह से मिलकर यह सवाल पूछना चाहिए कि कश्मीर और बांग्लादेश में हिंदू खतरे में पड़ गए हैं, और सरकार ठंडी क्यों बैठी है? ”

‘लाल किले पर फहराया गया भव्य, तेजस्वी तिरंगा सुरक्षित है क्या?’

सामना में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में लगातार भेजे जा रहे आतंकियों और चीनी सेनाओं द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण और बांग्लादेशियों द्वारा घुसपैठ  को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार पर ताने मारे गए हैं. सामना में लिखा है, ” शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व छोड़ दिया. ऐसा कहनेवाले लोग जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी से सत्ता के लिए रचाया गया निकाह भुला सकते हैं क्या? व्यापक राष्ट्रीय हित के नाम पर वहां तो सीधे-सीधे अलगाववादी आतंकियों से हाथ मिलाकर ही सत्ता का शीर-कुरमा खाया था. उस शीर-कुरमा के दांतों में फंसे हुए रेशे रखकर शिवसेना को हिंदुत्व का प्रवचन देना मतलब दिमाग ठिकाने पर नहीं होने का लक्षण है.”

शिवसेना की ओर से कहा गया है, “आज सिर्फ हिंदू खतरे में न होकर हिंदुस्तान खतरे में है! सौ करोड़ टीके का उद्देश्य पूरा हुआ इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश का सबसे बड़ा तिरंगा लाल किले पर फहराया. यह सही हुआ, लेकिन चीनी, पाकी, बांग्लादेशी जिस तरह बेखौफ होकर सीमा पर धावा बोल रहे हैं, उसे देखते हुए वह भव्य, तेजस्वी तिरंगा सुरक्षित है क्या? इसका विचार करना होगा. ”

‘शिवसेना को हिंदुत्व पर लेक्चर देने वालों, बीजेपी के खोखले हिंदुत्व का क्या?’

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में हिंदुत्व पर शिवसेना को नसीहत देने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा गया है, “महाराष्ट्र में शिवसेना ने क्या किया और क्या करना चाहिए इसकी सलाह देने की बजाय देश की सीमा पर हिंदुओं के आक्रोश को समझ लो. हिंदुत्व आपके सियासी स्वार्थ के लिए चबाकर फेंकनेवाला चोथा नहीं है. एक राज्य में गोमांस पर लोगों को जान से मारना और दूसरे राज्य में गोमांस खाने की अनुमति देना, यह है आपका खोखला हिंदुत्व. सावरकर जैसे प्रखर हिंदुत्ववादी राष्ट्रभक्त की बदनामी करना, सावरकर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग उठी तो चुप्पी साध लेना. यह है आपका नव हिंदुत्व जो दिखावटीपन का चरम है. हिंदुत्व को लेकर ये खोखले प्रवचन अब बंद करो! कश्मीर के हिंदुओं की चीत्कार से जिनका मन द्रवित नहीं होता है, उन्हें महाराष्ट्र पर प्रवचन नहीं झाड़ना चाहिए.”

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