महाराष्ट्र

पिता से ठीक बर्ताव करें अन्यथा पुलिस व्दारा बाहर निकालेंगे!

बेटे को उच्चन्यायालय का निर्णय

मुंबई/दि.१९ – पिता को तकलीफ पहुंचा रहे हो तो तुम्हें घर से बाहर निकालने का उन्हें पूरा अधिकार है. पिता के साथ गलत बर्ताव किये जाने पर तुम्हें पुलिस की मदद से घर से बाहर निकालने के आदेश दिये जायेंगे. ऐसा निर्णय मुंबई उच्च न्यायालय ने दक्षिण मुंबई के एक को सोमवार को दिया. मेरा बेटा मुझे हमेशा परेशान करता है व उससे मुझे धोका है, ऐसा भय व्यक्त करते हुए बेटे के विरोध में याचिका करने वाले 80 वर्षीय पिता की याचिका की सुनवाई दरमियान न्या. शाहरुख काथावाला व न्या. सुरेन्द्र तावडे की खंडपीठ ने बेटे को फटकारा.
मरिन ड्राइव की एक इमारत में आलिशान फ्लॅट में रहने वाले शहाब अन्सारी ने उनके बेटे अन्वर (काल्पनिक नाम) के खिलाफ ज्येष्ठ वकील एड. नितीन ठक्कर के मार्फत याचिका दाखल कर उसे घर से बाहर निकालने के आदेश देने की विनती की है. मैंने मेरा संपूर्ण व्यवसाय बेटे के नाम पर कर दिया है. फिर भी वह मुझे परेशान करता है. उसका उसकी पत्नी से तलाक हुआ है. मुझे मेरी उम्र के आखिरी दिन शांति से बिताना है. लेकिन बेटे के कारण यह संभव नहीं है. उससे मुझे भय होने के कारण गत दिनों से मैं मेरा हक का घर छोड़ होटल में रह रहा हूं. ऐसी कैफियत शहाब ने ठक्कर के मार्फत रखी. वहीं मैं मेरे पिता के साथ रह रहा हूं. कठिन समय में मैंने उनकी फिक्र की है. लेकिन अब जर्मनी में रहने वाली मेरी बहन ही मेरे खिलाफ बाते कर रही है. मुझ पर लगाये गये सभी आरोप झूठे है, ऐसा दावा अन्वर ने किया. अन्वर ने कहा कि पिता से व्यवसाय कार्यालय ताबे में लिया, तब उनका व्यवसाय शून्य पर आ गया था. बाद में मैंने टूर्स एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय शुरु किया. लेकिन कोरोना के कारण गत डेढ़ वर्षों से वह ठप पड़ा है. जिससे मुझे घर से बारर निकालने पर मैं रास्ते पर आ जाऊंगा. पश्चात खंडपीठ ने सीधा शहाब से संवाद साधा. तब शहाब ने बताया कि अन्वर मुझे मारता है. पहले भी उसने उसकी मां पर हाथ उठाया था. मुझे भी मारपीट का डर लगा रहता है. पश्चात यदि तुम अपने पिता को व्यवस्थित नहीं रख सकते तो अपनी स्वतंत्र व्यवस्था करो ऐसी सलाह खंडपीठ ने अनवर को दी.
याचिका के आरोपों का उत्तर देने के लिये मुझे कम से कम दो सप्ताह का समय दिया जाये, ऐसी विनती अन्वर ल्दारा बार-बार की गई. लेकिन खंडपीठ ने उसे प्रतिज्ञा पत्र दाखल करने के लिये सिर्फ दो दिनों की अवधि देकर बुधवार को वकिला मार्फत युक्तिवाद प्रस्तुत करने के निर्देश दिये.

Related Articles

Back to top button