आदिवासी विकास विभाग उठायेगा अजजा के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का खर्च
दस लाख रूपये के बजट को मिली मंजूरी
मुुंबई/दि.21 – प्रदेश के निजी अस्पतालों में भरती अनुसूचित जनजाति के कोरोना मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का खर्च राज्य सरकार का आदिवासी विकास विभाग उठाएगा. इसके लिए आदिवासी विकास विभाग के सभी एकात्मिक परियोजना अधिकारियों को न्यूक्लियस बजट से दस लाख रूपए खर्च करने की मान्यता दी गई है. प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री के. सी. पाडवी ने मंगलवार को बताया कि आदिवासी विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है.
आदिवासी समाज के लोगों की आय के सीमित साधन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. अनुसूचित जनजाति के मरीजों के निजी अस्पतालों में भरती होने पर एकात्मिक परियोजना अधिकारी के जरिए रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा. इस सुविधा का लाभ केवल आठ लाख तक वार्षिक आयवाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को मिल सकेगा. जिस निजी अस्पताल में अनुसूचित जनजाति के कोरोना मरीज भरती होंगे, वह सरकार के महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए.