महाराष्ट्र

26/11 आतंकी हमले के हीरो तुकाराम ओंबले को सम्मान!

मकड़ी की नई प्रजाति का नाम रखा गया आईसियस तुकारामी

मुंबई/दि.28 – हाल ही में महाराष्ट्र में मिली मकड़ी की एक नई प्रजाति का नाम मुंबई 26/11 हमले में शहीद हुए पुलिस ASI तुकाराम ओंबले के नाम पर रखा गया है. मकड़ी की प्रजाति का नाम आइसियस तुकारामी रखा गया है. मकड़ी की प्रजाति के नाम का जिक्र रिसर्चर्स द्वारा पब्लिश एक पेपर में किया गया था. रिसर्चर्स ने महाराष्ट्र में मकड़ी की दो प्रजातियां जेनेरा फिंटेला और आईसीयस मिलने के बारे में जानकारी दी है. रिसर्च में साफ है कि मकड़ी की प्रजाति का नाम मुंबई 26/ 11 आतंकी हमके के हीरो SI तुकाराम ओंबले को डेडिकेट किया गया है. तुकाराम ने 23 गोलियां खाकर आतंकी अजमल कसाब को पकड़ा था. सीने पर 23 गोलियां खाने के बाद भी तुकाराम ने कसाब का गिरेबान पकड़े रखा था और उसकी बंदूक को हिलने तक नहीं दिया था. तुकाराम की इस बहादुरी की वजह से ही पीछे खड़े दूरे पुलिसकर्मियों की जान बच सकी थी.

  • तुकाराम के नाम पर मकड़ी का नाम

अब उनके नाम पर मकड़ी की नई प्रजाति का नाम रखकर उन्हें खास सम्मान दिया गया है. 13 साल पहले 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में ताज होटल और रेलवे स्टेशन समेत कई जगहों पर हमला कर 160 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी. 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने ग्रेनेड और बंदूकों के साथ हमला किया था. आतंकी अजमल कसाब और उसके साथी इस्माइल खान ने कामा अस्पताल पर हमला कर दिया था. जैसे ही दोनों आतंकी अस्पताल के पिछले गट पर पहुंचे स्टाफ ने सभी गेट बंद कर दिए थे. जिसके बाद उन्होंने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया था. इस हमले में 6 अधिकारी शहीद हो गए थे.

  • तुकाराम ने सीने पर खाईं थीं 23 गोलियां

तुकाराम ने बहादुरी दिखाते हुए कसाब और इस्माइल खान को गिरगांव चौपाटी के पास रोक लिया था. तुकाराम ने कसाब की राइफल को इतनी मजबूती से पकड़कर रखा था कि वह उसे घुमा भी नहीं सका. यही वजह रही कि दूसरे पुलिसकर्मियों की जान बच सकी और कसाब को जिंदा पकड़ा जा सका था. कसाब से उस दौरान तुकाराम पर 23 गोलियां बरसाईं लेकिन फिर भी उन्होंने उसकी बंदूक को हिलने तक नहीं दिया था. इसी हमले में वह शहीद हो गए थे.

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