महाराष्ट्र

ट्यूमर ने बदल दिया ब्लड ग्रुप, दुनिया में हैं सिर्फ 9 डोनर

भारत में मिला दुर्लभ ब्लड ग्रुप, डॉक्टरों ने मरीज का ही रक्त संकलित कर सर्जरी के बाद वापस चढाया

मुंबई/दि.28– दिल में ट्यूमर से पीडित यवतमाल के वकील राजेश अग्रवाल की बायपास सर्जरी के एक दिन पहले ही मुंबई के डॉक्टर उस समय चौंक गए जब मरीज का रक्त किसी से मेल ही नहीं खा रहा था. इस सर्जरी के लिए लगनेवाले 3 यूनिट रक्त के लिए अस्पताल ने उसके परिवार सहित 50 से अधिक रक्तदाताओं के रक्त की जांच की. लेकिन किसी का रक्त मरीज के रक्त से मेल ही नहीं खा रहा था. डॉक्टर पवन कुमार के अनुसार मरीज का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटीव था. जब ट्यूमर के कारण इम्यून कॉम्प्लेक्स रिलीज हुआ तो उससे ब्लड में येलो एंटी बॉडी बन गई और मरीज का ब्लड अति दुर्लभ गेरबिच फेनोटाइप ब्लड ग्रुप का हो गया.

* विदेशों से रक्तदाता को बुलाना नहीं था संभव
लीलावती अस्पताल के प्रसिद्ध कार्डियोवैस्क्युलर और थोरेसिक सर्जन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि, भारत में ब्लड ग्रुप का पता नहीं चल पाया था. जिसके बाद लंदन के अंतरराष्ट्रीय ब्लड ग्रुप रेफरेन्स लैबोरेटरी में ब्लड सैम्पल भेज गया. जिसने मरीज का ब्लड ग्रुप सबसे दुर्लभ बताया. इस ब्लड ग्रुप का नाम गेरबिच फेनोटाइप बताया गया. पूरे विश्व में इस ब्लड ग्रुप के सिर्फ 9 ही डोनर हैं, जबकि भारत में यह पहला व्यक्ति है. चूंकि मरीज का ब्लड ग्रुप दुर्लभ था. इसके रक्तदाता विदेशों में होने से उन्हें यहां बुलाना संभव नहीं था. इसलिए सर्जरी के लिए लगनेवाला रक्त मरीज का ही इस्तेमाल में लाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए हमने चरणबद्ध तरीके से उसके शरीर से 3 यूनिट रक्त इकट्ठा किया. फिर मरीज को उसी का रक्त चढा दिया गया.

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