पुणे./दि.1-देश के बाजारपेठ में तुअर व उड़द दाल की आपूर्ति सुचारु हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने तुअर एवं उड़द दाल के मुक्त आयात को फिर से एक वर्ष के लिए अवधि दी है. अब मार्च 2023 तक मुक्त आयात होगा. इस निर्णय का सर्वाधिक बड़ा फटका मराठवाड़ा और विदर्भ के तुअर उत्पादक किसानों को बैठने वाला है.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने दी गई जानकारी के अनुसार अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 इस कालावधि में सात लाख टन तुअर आयात हुई है. व्यापियों ने दी जानकारी के अनुसार फरवरी माह में करीबन एक लाख टन तुअर आयात हुई है. यानि कुल आठ लाख टन के करीब आयात हुई है. यह आयात विगत दो वर्षों की आयात की तुलना में करीबन दोगुना है. इस बार के मौसम में तुअर निजी बाजार में हमी दाम तक यानि 6300 रुपए तक जाने की संभावना अब कम है. चालू सप्ताह तक अकोला लाल तुअर की कीमत प्रति क्विंटल 6 हजार रुपए तक पहुंची थी. नागपुरी लाल तुअर प्रति क्विंटल 6338 तक गई थी. आयात के निर्णय के कारण दर में फिर से गिरावट होने की संभावना है. किसानों को फिर से हमी भाव में सरकारी खरीदी केंद्र पर ही तुतअर की बिक्री करनी पड़ेगी. इस बार कपास और सोयाबीन को अधिक कीमत मिल रही थी. जिसके अनुसार तुअर को भी अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद किसानों को थी. लेकिन उनमें उदासीनता निर्माण हुई है.
* बाजार की स्थिति…
केंद्र के ग्राहक कल्याण मंत्रालय ने दी जानकारी के अनुसार फिलहाल देश में तुअर दाल की कीमत प्रति किलो 102 रुपए 99 पैसे है. गत वर्ष वह 105 रुपए 46 पैसे थी. राज्य का देश की कुल तुअर उत्पादन का हिस्सा करीबन 27 प्रतिशत है.