नागपुर मनपा स्टेशनरी घोटाला में दो बड़े अधिकारी निलंबित
मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी विजय कोल्हे व सहा. आयुक्त महेश धामेचा पर कार्रवाई
नागपुर/दि.23– महानगरपालिका में गत सप्ताहभर से चर्चा में रहे स्टेशनरी व प्रिंटर आपूर्ति घोटाले में आखिरकार दो बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में मनपा के मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी विजय कोल्हे व सामान्य प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त महेश धामेचा को निलंबित करने के आदेश बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में दिया गया.
मनपा के करोड़ो रुपए के आर्थिक घोटाले में लखा व वित्त अधिकारी, सामान्य प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त महेश धामेचा दोषी पाये गए है. उनकी महाराष्ट्र नागरी सेवा बर्ताव नियम 1971 के अनुसार विभागीय जांच शुरु की जाये. संबंधित अधिकारियों की जांच पूरी होने तक दोनों अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाये, ऐसे आदेश स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रकाश भोयर ने मनपा प्रशासन को दिए.
* अधिकारी व ठेकेदार की सहमति से घोटाला-मनपा के स्टेशनरी घोटाला ठेकेदार व मनपा के अधिकारी की सहमति से हुआ है. जांच में दोषी पाये जाने पर सभी पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी,यह जानकारी प्रकाश भोयर ने पत्रकार परिषद में दी.
* प्रशासकीय समिति की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई- मनपा आयुक्त ने स्टेशनरी घोटाली जांच के लिए अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की है. इस समिति की रिपोर्ट के बाद इस मामले में जो दोषी पाये जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी, यह जानकारी अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने दी.
* पांच वर्ष के व्यवहार की होगी जांच- मनपा के कार्यालयों को स्टेशनरी व प्रिंटर साहित्य की आपूर्ति मनोहर साकोरे एंड कंपनी, स्वस्तिक ट्रेडिंग, गुरुकृपा स्टेशनरी, एस.के. एंटरप्राइजेस, सुदर्शन आदि कंपनियों से की जाती है. गत कुछ वर्षों से इन कंपनियों से साहित्य की आपूर्ति किए जाने से गत पांच वर्षों के व्यवहार की जांच की जाएगी.
* अधिकारी आपस में भिड़े– स्थायी समिति की बैठक में झूठे बिल पर हस्ताक्षर को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय चिलकर व प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी विजय कोल्हे के बीच काफी विवाद हुआ. कोल्हे ने कहा कि बिल पर हस्ताक्षर आपके ही है तो यह हस्ताक्षर मेरे नहीं. बैंक खाते के हस्ताक्षर की पड़ताल की जा सकेगी ऐसा चिलकर ने कहा. इस पर दोनों में काफी बहस हुई.
* चेक जमा ही नहीं हुआ – स्टेशनरी घोटाला उजागर होने पर 67 लाख व 54 लाखऐसे एक करोड़ 21 लाख की रकम लौटाने के लिए ठेकेदार ने मनपा को धनादेश दिया था. इसमें 54 लाख के चार धनादेश बैंक में जमा ही नहीं हुए. इस मामले की प्रशासन द्वारा जांच की जाएगी.
* जांच हेतु फिर से तीन सदस्यों की समिति- मनपा आयुक्त ने स्टेशनरी घोटाला मामले की जांच करने हेतु अतिरिक्त आयुक्त दीपक कुमार मीना की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति गठित की. मात्र इस मामले में कुछ वरिष्ठ अधिकारी सहभागी होने की बात दिखाई दे रही है. इसका विचार करते हुए स्थायी समिति के सदस्य एड. अजय बालपांडे की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. इसमें समिति सदस्य प्रगती पाटील व आयशा उईके का समावेश है.