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अकोला/दि.21-जिले के पातुर तहसील के चतारी में टाइफाइड बुखार की जांच में मरीज संक्रमित पाए गए हैं. इसलिए, प्रशासन ने सावधानी के समाधान के रूप में चतारी में टाइफाइड बुखार के फैलने की घोषणा की है. जिला स्तरीय और तहसील स्तरीय टीमों ने चतारी में निवारक और उपचारात्मक प्रक्रिया शुरू कर दी है. चतारी गांव के मरीजों में बुखार, मतली, पेट दर्द, सिरदर्द के लक्षण पाए गए हैं. तीन मरीजों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.
दूषित पानी और अन्य कारणों से पातुर तहसील के चतारी गांव में महामारी फैल गई है. गांव में कई मरीज मिल रहे हैं. चतारी गांव में टाइफाइड बुखार का प्रकोप फैल गया.
* पानी के नमूने की रिपार्ट लंबित है
दूषित जलापूर्ति से महामारी फैलने की भी आशंका है. इसलिए पीने के पानी की भी जांच की जा रही है. जांच के लिए पानी के पांच नमूने लिए गए. उनकी रिपोर्टें लंबित हैं.
चतारी में आबादी 2 हजार 300 और 426 घर हैं. बुधवार को 263 घरों के 1 हजार 242 नागरिकों की जांच की गई. सर्वे में बुखार, मतली, पेट दर्द, सिरदर्द देखा गया है. इलाज से योग्य मरीजों की स्थिति में सुधार हुआ है. तीन मरीजों का चतारी ग्रामीण अस्पताल में इलाज चल रहा है. खून की जांच में ये तीनों मरीज टाइफाइड बुखार से संक्रमित पाये गये. पिछले कुछ दिनों से गांव में बुखार है. मतली, पेट दर्द के 13 मरीज मिले है. इलाज के बाद 10 मरीजों की हालत में सुधार हुआ है. चतारी गांव में कुल चार टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं, पीने का पानी उबाल कर पीने और आर.ओ. के पानी का उपयोग करने का आह्वान कर रही है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वे ग्रामीणों को पानी के उपयोग के बारे में स्वास्थ्य शिक्षा दे रहे हैं. चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, स्वास्थ्य सहायक एक-एक कर्मी, आरोग्य सेवक चार, आरोग्य सेवक दो, आशा स्वयंसेवक एवं आंगनवाडी सेवक पांच-पांच कर्मी कार्यरत हैं. जिलाधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उपसंचालक स्वास्थ्य, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला संक्रामक रोग विशेषज्ञ आदि ने चतारी का दौरा कर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संक्रमण नियंत्रण के निर्देश दिये हैं. बुखार, मतली, पेटदर्द, सिरदर्द आदि लक्षण पाए जाने पर तुरंत जांच करने के आह्वान स्वास्थ्य विभाग ने किया है.