महाराष्ट्र

उद्धव ठाकरे और शरद पवार श्रद्धांजलि देने दिलीप कुमार के घर पहुंचे

महानायक की मौत पर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में मातम

 मुंबई/दि. 7 – अदायगी का अंदाज़ भारतीय सिनेमा में दिलीप साब से शुरू होता है. उनकी ही बनाई ट्रेजेडी की ज़मीन से एक अंगारा फूटा जो अमिताभ के नाम से आसमां की बुलंदियों तक पहुंचा. उनके ही चेहरे में शाहरुख को अपने वालिद का अक़्स दिखाई देता था. आज इंडस्ट्री में तीन खानों का बोलबाला है. तब पूरी इंडस्ट्री को एक अकेले खान ने ही संभाला था. उनके जाने के ग़म में ना सिर्फ बॉलिवुड, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के फिल्म जगत में उदासी छा गई है. दुनिया के कोने-कोने में जहां भारतीय फिल्मों की चमक दिखाई देती है, उस चमक की रौनक चली गई है. अब तक सबको यह पता हो चुका है कि बुधवार सुबह 7.30 बजे भारत का सबसे चमकीला सितारा, पूरी दुनिया का प्यारा, वो फिल्मी दुनिया का फ़रिश्ता हमेशा के लिए रुख़सत हो चुका है.
दिलीब साब के अपने राज्य महाराष्ट्र में, जहां उन्होंने अपनी जिंदगी बिताई, आज मायूसी में डूबा हुआ मौसम है. राजनीतिक गलियारों में भी उनके जाने का बेहद अफ़सोस और ग़म है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिलीप कुमार के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ‘मुगले आजम’ ही पहली और आखिरी फिल्म देखी थी. उद्धव ठाकरे के साथ उनके पुत्र आदित्य ठाकरे भी पहुंचे थे. वहीं शरद पवार के साथ कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक भी गए थे. जब युसूफ साहब हिंदुजा अस्पताल में भर्ती थे, तब भी शरद पावर ने अस्पताल जाकर उनसे मुलाकात की थी. दिलीप कुमार को सांस में आ रही दिक्कत की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

  • शतक से दो साल पीछे रह गए दिलीप साब

98 साल की उम्र में दिलीप कुमार अल्लाह को प्यारे हो गए . शतक से दो साल बस पीछे रह गए. उद्धव ठाकरे ने इस मौके पर बाला साहब ठाकरे के साथ उनके रिश्तों को याद किया. उन्होंने दिलीप कुमार की मृत्यु पर कहा कि दिलीप साब का जाना भारतीय सिनेमा को समृद्ध बनाने वाले एक ध्रुवतारा के अस्त हो जाने के समान है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सिनेमा के कैनवास में रंग भरने वाले, उसकी आभा को सात समंदर पार तक पहुंचाने वाली शख्सियत थे दिलीप कुमार. उनकी अदाकारी ने सिनेमा को चाहने वालों के दिलों पर राज किया. उनकी शख़्सियत अज़ीम थी, जिसके बल पर भारत की फिल्म इंडस्ट्री की शान बढ़ी, नाम बढ़ा. उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बूते कला जगत में नाम कमाया. उनकी कला जगत में किया गए काम का महाराष्ट्र के लोगों के दिलों में एक अलग ही मुकाम है.

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