मुंबई/दि.30- गत रोज शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद सहित अपनी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, जिस दिन शिवसेना के 40 सदस्यों ने बगावत की थी, हकीकत में उसी दिन उध्दव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था. लेकिन उन्होंने अंतिम समय तक पद को लेकर जो लालच रखा, उसके बारे में उन्हें जवाब तो देना पडेगा.
सांसद नवनीत राणा ने पूर्व सीएम उध्दव ठाकरे पर सत्ता के लिए विचारधारा से समझौता करते हुए अपने पिता की मेहनत को बर्बाद करने का आरोप भी लगाया. साथ ही कहा कि, शिवसेना प्रमुख स्व. बालासाहब ठाकरे द्वारा अपना खून-पसीना एक करते हुए शिवसेना को स्थापित किया गया था, लेकिन उध्दव ठाकरे ने 56 वर्षों की मेहनत को महज ढाई वर्ष में बर्बाद कर दिया और केवल उध्दव ठाकरे के अहंकार की वजह से ही पार्टी की यह अवस्था हो गई है. आज उध्दव ठाकरे के साथ केवल संजय राउत, अनिल परब व आदित्य ठाकरे ही मौजूद है. वहीं शेष सभी लोग उनके खिलाफ बगावत कर चुके. खुद को चौदा दिन तक जेल में रखे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, वे तो केवल राज्य के कल्याण की प्रार्थना करने हेतु मातोश्री बंगले के समक्ष हनुमान चालीसा पढनेवाली थी. लेकिन इतनीसी बात को लेकर उन्हें देशद्रोह की धारा के तहत जेल में डाल दिया गया. यह बात राज्य की जनता कभी भूलेगी नहीं.