महाराष्ट्र

… अंतत: 3.32 लाख विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का मसला हुआ हल

राज्य सरकार ने 364 करोड रूपयों की निधी को किया मंजूर

* आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे के प्रयास आये काम
पुणे/दि.5 केंद्र सरकार पुरस्कृत योजना अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा देश के विभिन्न राज्यों को अलग-अलग योजनाओं के लिए दी जानेवाली निधी संबंधित राज्यों द्वारा स्टेट नोडल एजेन्सी के जरिये वितरित की जाये. ऐसे स्पष्ट दिशा-निर्देश 23 मार्च 2021 को केंद्र सरकार के वित्त विभाग द्वारा जारी किये गये थे. जिसके अनुसार राज्य के अनुसूचित जाति प्रवर्ग के विद्यार्थियों हेतु चलाई जानेवाली भारत मेट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में केंद्र द्वारा अपने हिस्से की 60 फीसद निधी डिबीटी के जरिये सीधे विद्यार्थियों के खाते में जमा करायी जाती है.
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने अपने हिस्से की 40 फीसद निधी को स्टेट नोडल एजन्सी के जरिये वितरित करने हेतु 15 मार्च 2022 को एक आदेश जारी किया था. किंतु विगत आर्थिक वर्ष खत्म होने में केवल एक सप्ताह की समयावधि शेष रहते समय राज्य सरकार के हिस्से को मंजूरी देने और संशोधित तरीके से वितरण करने को लेकर वित्त विभाग द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज करायी गई थी. जिसकी वजह से काफी बडा संभ्रम पैदा हो गया था. लेकिन यह बात समझ में आते ही समाजकल्याण आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे ने तुरंत अपने स्तर पर प्रयास शुरू करते हुए केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग तथा केंद्र सरकार के वित्त विभाग से चर्चा की. वस्तुत: राज्य के वित्त विभाग ने केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कार्रवाई करना आवश्यक रहने की बात दर्ज रहने के बावजूद राज्य सरकार के बीईएएमएस प्रणाली पर आक्षेप दर्ज किये जाने की बात सामने आयी. इसे लेकर केंद्र सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होना आवश्यक रहने की बात राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा सूचित की गई थी. जिसके चलते समाजकल्याण आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे ने अपने विभाग का एक विशेष दूत नई दिल्ली भेजा. जिसके जरिये केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग व वित्त विभाग के केंद्रीय सहसचिव व संबंधित प्रशासन से सीधा संवाद साधते हुए इस संदर्भ में संशोधित आदेश निर्गमित करने का निवेदन किया गया. जिसके अनुसार केंद्र सरकार के वित्त विभाग ने 29 मार्च 2022 को इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश जारी किये. जिसके चलते राज्य के वित्त विभाग द्वारा दर्ज करायी गई आपत्ति दूर हो गई और वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति प्रवर्ग से वास्ता रखनेवाले 3 लाख 22 हजार विद्यार्थियों की करीब 364 करोड रूपयों की छात्रवृत्ति का मसला हल हो गया और अब राज्य सरकार ने यह निधी आर्थिक वर्ष खत्म होने से पहले तय समय के भीतर मंजुर की है.
समाजकल्याण विभाग द्वारा ऐन समय पर दिखाई गई समयसूचकता के चलते अनुसूचित जाति प्रवर्ग के 3 लाख से अधिक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का मसला हल हो गया है. जिसके चलते संबंधित विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों द्वारा समाज कल्याण विभाग के आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे का अभिनंदन किया जा रहा है.

राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे के नेतृत्व तथा सचिव सुमंत भांगे के मार्गदर्शन में समाजकल्याण विभाग के गतिमान प्रशासन की वजह से अनुसूचित जाति प्रवर्ग से वास्ता रखनेवाले 3 लाख 22 हजार विद्यार्थियों की वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 के लिए करीब 364 करोड रूपयों की छात्रवृत्ति का मसला हल होने में सफलता मिली. राज्य सरकार द्वारा तय समय के भीतर यह निधी मंजूर की गई है और जल्द ही संबंधित विद्यार्थियों के बैंक खातों में यह रकम जमा करा दी जायेगी.
– डॉ. प्रशांत नारनवरे
आयुक्त, समाज कल्याण विभाग, महाराष्ट्र राज्य पुणे

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