महाराष्ट्र

अंतत: गेहूं के आटे की निर्यात बंदी

एक माह में 1 लाख टन से अधिक आटा भेजा गया विदेश

पुणे/दि.9- केंद्र सरकार ने देश से गेहूं के आटे का मुक्त निर्यात करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध गेहूं के आटे के साथ-साथ मैदा व रवा जैसे पदार्थों पर भी लागू रहेगा और अब इनकी निर्यात के लिए केंद्र सरकार की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक रहेगा. ऐसी जानकारी विदेशी व्यापार महासंचालनालय द्वारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, युक्रेन-रशिया युध्द की वजह से वैश्विक बाजार में गेहूं की किल्लत पैदा हो गई. ऐसे में गेहूं, आटा, मैदा, रवा के दामों में इस समय तेजी है. जिसके चलते देश से बडी तेजी के साथ गेहूं और आटे का निर्यात होने लगा था. जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने विगत 13 मई को ही गेहूं और आटे के मुक्त निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि इसके बावजूद भी विगत एक माह में ही करीब 1 लाख टन से अधिक गेहूं व आटा विदेशी में भेजा जा चुका है.
ज्ञात रहे कि, बीते आर्थिक वर्ष के दौरान 2 हजार 470 लाख डॉलर मूल्य के गेहूं आटे का निर्यात हुआ था. वहीं इस बार इसमें करीब 274 फीसद की वृध्दि हुई है और 212 करोड डॉलर मूल्य के आटे, रवा व मैदा की निर्यात हुई है. यदि आटे के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है, तो गेहूं निर्यात बंदी का निर्णय बेअसर साबित हो सकता है. ऐसा भय जताया जा रहा था. जिसके चलते सरकार जून माह से ही गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में थी और अंतत: अब आटे के साथ ही रवा व मैदा के निर्यात पर भी बंदी लगा दी गई है. इस निर्णय पर 12 जुलाई से अमल करना शुरू कर दिया जायेगा.

* 6 से 7 फीसद वृध्दि
गेहूं के निर्यात पर बंदी लगाये जाने के बाद अचानक ही गेहूं के आटे का निर्यात तेज गति से होने लगा. देश से अमूमन प्रतिमाह 8 हजार टन आटे का निर्यात होता है. लेकिन 13 मई को गेहूं निर्यात बंदी का निर्णय लिये जाने के साथ ही गेहूं के आटे का निर्यात अचानक ही 6 से 7 गुना बढ गया और एक माह में करीब 1 लाख टन गेहूं के आटे का निर्यात हुआ. ऐसे में अब सरकार ने आटे सहित मैदे व रवे के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है.

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