शहर में अघोषित लोडशेडिंग का कहर,
हलकी हवा व बारिश का दौर शुरु होते ही बिजली हो रही गायब

* बार-बार बिजली गुल होने से महावितरण के खिलाफ नागरिकों का फूटा गुस्सा
* शहर के विभिन्न इलाको में कई-कई घंटों तक विद्युत आपूर्ति हो रही ठप
* महावितरण के पास बत्ती गुल होने और आपूर्ति शुरु होने को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं
* महावितरण की मानसूनपूर्व तैयारियां साबित हुई ‘टांय-टांय फिस्स’
अमरावती/दि.26– शहर में विगत कुछ दिनों से बिना कोई पूर्वसूचना दिए अचानक ही कई-कई घंटों तक विद्युत आपूर्ति को खंडित किया जा रहा है और इसे लेकर शिकायत दर्ज करवाने हेतु पहुंचनेवाले नागरिकों को महावितरण की ओर से कोई समाधानकारक जवाब भी नहीं दिया जा रहा. इस अघोषित लोडशेडिंग का फटका शहर के रिहायशी इलाकों सहित औद्योगित क्षेत्रों को भी सहन करना पड रहा है. जिसे लेकर लोगों में महावितरण के खिलाफ अच्छा-खासा रोश दिखाई दे रहा है.
अमुमन यह माना जाता है कि, तेज आंधी-तूफान व बारिश शुरु होते ही विद्युत तारों व खंबो को पहुंचनेवाले नुकसान की वजह से विद्युत आपूर्ति खंडित हो जाती है. परंतु हवा के हलके झोंके शुरु होते ही यह छिटपूट बारिश होते ही कई बार शहर में विद्युत आपूर्ति खंडित कर दी जाती है और कई बार तो ऐसा कोई कारण नहीं रहने के बावजूद दोपहर या रात के समय विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है. जिसे लेकर जवाब पूछने हेतु गए नागरिकों को मेंटेनस अथवा दुरुस्ती का काम जारी रहने की वजह बताई जाती है और कई-कई घंटो तक विद्युत आपूर्ति को ठप रखा जाता है.
यह स्थिति शहर सहित जिले के तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी एकसमान है और हर जगह पर स्थित विद्युत कार्यालय पर मौजूद महावितरण के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा ब्रेकडाऊन होने या जंपर के गिर जाने की वजह को रटे-रटाए अंदाज में दोहराया जाता है. साथ ही बिजली गूल हो जाने पर जब लोगबाग इस संदर्भ में महावितरण के अधिकारियों व कर्मचारियों से फोन पर संपर्क करते है तो हर बार एक ही जवाब मिलता है कि, चेक करके बताते है. साथ ही बिजली की आपूर्ति कब सुचारु होगी, इसका कोई जवाब संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के पास नहीं होता.
उल्लेखनीय है कि, एक दिन पहले ही महावितरण के प्रबंधक लोकेशचंद्र ने लंबाचौडा पत्र लिखकर महावितरण के मानसून सजग रहने तथा विद्युत आपूर्ति को सुचारु रखने के संदर्भ में दावे किए थे. परंतु ऐसे दावे महज कुछ ही घंटे के भीतर अमरावती में हवा-हवाई साबित हुए. क्योंकि, प्री-मानसून की बारिश के दौरान ही महावितरण द्वारा मानसूनपूर्व किए गए कामों व दावों की धज्जियां उड गई.
* जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं
जहां एक ओर शहर सहित पूरा जिला महावितरण द्वारा की जा रही अघोषित लोडशेडिंग से हैराण-परेशान व हलाकान हो चुका है और लोगों का गुस्सा महावितरण के खिलाफ फूट रहा है. वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों द्वारा इस बेहद गंभीर समस्या को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा जा रहा. जिसके चलते महसूस हो रहा है मानों जनप्रतिनिधियों को आम जनता की तकलीफों से कोई लेना-देना नहीं है.
* लक्ष्मीनगर के महावितरण केंद्र पर तोडफोड
शनिवार की रात विलास नगर व महेंद्र कॉलोनी परिसर की विद्युत आपूर्ति रात 9 बजे के आसपास अचानक ही ठप हो गई और रात करीब 1.30 बजे तक विद्युत आपूर्ति सुचारु नहीं हो पाई. ऐसे में उमस व गर्मी के चलते सभी लोगों विशेषकर छोटे बच्चों के हाल-बेहाल होने लगे. जिससे संतप्त होकर कई नागरिक लक्ष्मी नगर स्थित महावितरण के शिकायत निवारण केंद्र पर पहुंचे, तो वहां पर कोई जवाबदार अधिकारी उपस्थित नहीं था. बल्कि केवल एक कर्मचारी ही तैनात था. जिसने नागरिकों को टालमटोल वाले जवाब दिए. इससे लोगों के संयम का बांध फूट गया और कुछ संतप्त लोगों ने महावितरण कार्यालय में तोडफोड करते हुए अपना रोश व्यक्त किया. जिसकी जानकारी मिलते ही गाडगे नगर पुलिस का दल तुरंत मौके पर पहुंचा. इसके कुछ ही समय बाद परिसर में विद्युत आपूर्ति सुचारु हो गई.
* नांदगांव पेठ एमआईडीसी में पूरी रात बिजली रही गूल
उधर नांदगांव पेठ की पंचतारांकित एमआईडीसी में भी इन दिनों लगभग रोजाना ही कई-कई घंटो तक विद्युत आपूर्ति खंडित कर दी जाती है. जिससे क्षेत्र के उद्योजक परेशान हो चले है. साथ ही उनके द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि, इस बारे में कई बार शिकायत दर्ज करने के बावजूद व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा. वहीं विगत शनिवार को नांदगांव पेठ एमआईडीसी परिसर में खंडित हुई विद्युत आपूर्ति रविवार की दोपहर 2 बजे के आसपास दुबारा पूर्ववत हुई. परंतु इस दौरान कई उद्योगों का लाखों रुपयों का नुकसान हुआ. इस स्थिति को लेकर संताप व्यक्त करते हुए एमआईडीसी इंडस्ट्रियल एसोशिएशन के अध्यक्ष किरण पातुरकर ने बताया कि, विद्युत वितरण कंपनी द्वारा योग्य पद्धति से मेंटेनन्स नहीं किए जाने के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है और उद्योजकों द्वारा की जानेवाली शिकायतों ओर महावितरण के अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान भी नहीं दिया जा रहा.
* ब्रेकडाऊन के चलते रविवार की रात करीब 10 बजे के आसपास विद्युत आपूर्ति खंडित हुई. जिसके बाद अगले डेढ से दो घंटे के भीतर विद्युत आपूर्ति को सुचारु कर लिया गया. परंतु इस दौरान कुछ लोगों ने महावितरण कार्यालय में आकर कुर्सीयां फेंकते हुए तोडफोड करने का प्रयास किया. नागरिकों ने संयत बरतना चाहिए तथा महावितरण के साथ सहयोग करना चाहिए. क्योंकि महावितरण द्वारा अबाधित व सुचारु विद्युत आपूर्ति जारी रखने के संदर्भ में हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.
सुधीर वानखडे
अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता (भाग-2)
महावितरण, अमरावती.
* गर्मी के मौसम दौरान विद्युत पोल पर पिन इंशुलिन अच्छा-खासा गर्म व तपा हुआ रहता है, जिस पर पानी की एक बूंद भी गिरने पर रह पंक्चर हो जाता है और विद्युत आपूर्ति खंडित हो जाती है. यह पंक्चर बेहद सुक्ष्म रहने के चलते फॉल्ट जल्दी दिखाई नहीं देता. जिसके चलते फॉल्ट ढुंढने के काम में कई घंटे का समय लग जाता है. इसके अलावा इस समय अंडरग्राऊंड केबल के भी कई काम चल रहे है और काम पूरा होने पर गड्ढों को बुझाने से पहले ही बारिश होने पर केबल में पानी घूस जाने के चलते विद्युत आपूर्ति खंडित हो जाती है. इसके साथ ही विद्युत तारों पर पेड के गिरने की वजह से भी तार टूटकर विद्युत आपूर्ति खंडित होती है. इन तमाम समस्याओं को दूर करते हुए एम नागरिकों को निर्दोष विद्युत व्यवस्था देने का पूरा प्रयास कर रहे है.
– फुलसिंह राठोड
जनसंपर्क अधिकारी, महावितरण.
* सीएमडी लोकेशचंद्र ने जारी किए हाईअलर्ट के आदेश
वहीं मौसम विभाग द्वारा राज्य में अगले तीन से चार दिनों के दौरान तुफानी हवाओं के साथ भारी बारिश होने की संभावना को देखते हुए महावितरण के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक लोकेशचंद्र ने इस दौरान विद्युत आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने हेतु युद्धस्तर पर तैयारी करने के साथ ही महावितरण के अधिकारियों को हाईअलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. विगत 23 मई को राज्य में विद्युत आपूर्ति की समीक्षा करते हुए महावितरण के सीएमडी लोकेशचंद्र ने कहा कि, प्राकृतिक आपदा के चलते बाधित होनेवाली विद्युत आपूर्ति को तत्काल बहाल करने के संदर्भ में सर्वोच्च प्राथमिक दी जानी चाहिए तथा मुख्यालय व जिला स्तर पर 24 बाय 7 आपातकालिन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाना चाहिए. साथ ही किसी भी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा अपना मुख्यालय नहीं छोडा जाना चाहिए. इसके साथ ही सीएमडी लोकेशचंद्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के राज्य के सभी प्रमुख विद्युत अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए फिलहाल चल रहे प्री-मानसून बारिश के दौर में किए जानेवाले कामों के साथ-साथ आगामी समय में शुरु होनेवाले मानसून के दौरान महावितरण की प्रणाली को तैयार करने के संदर्भ में भी आवश्यक निर्देश दिए.