महाराष्ट्र

महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच विवादित क्षेत्र घोषित हो केंद्र शासित प्रदेश

सीएम उद्धव ठाकरे ने दी जानकारी

मुंबई/दि.२७– राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जिस भूभाग को लेकर विवाद है उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया जाए.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुधवार को कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर अपनी सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए एक पुस्तक जारी की. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना पड़ोसी राज्य कर्नाटक में मराठी भाषी क्षेत्रों के विलय के विरोध जैसे अपने पुराने एजेंडे को पुनर्जीवित करना चाहती है. शिवसेना बेलगाम क्षेत्र को कर्नाटक में शामिल करने के खिलाफ है. बुधवार को सीएम उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र कर्नाटक सीमावाद: संघर्ष अनी संकल्प (महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमावाद: संघर्ष और समाधान) नाम की एक पुस्तक को विमोचन किया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के नेता शामिल थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट और विधान परिषद में विपक्षी नेता प्रवीण दारेकर पुस्तक विमोचन समारोह में मौजूद रहे.
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें सीमा विवाद पर किताब प्रकाशित कर रुक नहीं जाना है. इस पर काम करना है. उन्होंने कहा कि हालांकि ये मुद्दा अभी अदालत में है कि कर्नाटक सरकार ने इस मुद्दे पर कई कदम उठाए हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जबतक महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद हल नहीं होता है तब तक मैं मांग करता हूं कि इन क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया जाएगा. महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस बाबत कार्रवाई करेगी.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सभी को कर्नाटक सरकार के अन्याय और अत्याचार का विरोध करने के लिए एक मंच पर आना चाहिए. अगर मराठी बोलने वाले लोग कर्नाटक सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनके खिलाफ झूठे केस दायर किए जाते हैं. इनके खिलाफ हमें एकजुट होने की जरूरत है. बता दें कि बेलगाम कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है, जहां मराठी भाषी बहुसंख्यक निवास करते हैं. इस वजह से बेलगाम पर महाराष्ट्र अपना दावा करता है क्योंकि यहां मराठी भाषी लोगों की बड़ी आबादी रहती है लेकिन यह जिला कर्नाटक के अंतर्गत आता है.

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