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कोरोना के चलते विधवा हुई महिलाओं के पुनर्वास हेतु सरकार को बताया कटिबध्द
मुंबई/दि.5 – कोविड संक्रमण की वजह से अनाथ हुए बच्चों तथा विधवा हुई महिलाओ के लिए अमरावती जिले में प्रायोगिक तत्व पर ‘वात्सल्य’ नामक उपक्रम शुरू किया गया है. जिसमें निराधार बच्चों व महिलाओं के पुनर्वास हेतु विभिन्न विभागों की योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है. साथ ही आगामी समय में इस उपक्रम को पूरे राज्य में चलाये जाने का नियोजन किया जा रहा है. इस आशय की जानकारी राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर द्वारा दी गई. साथ ही उन्होंने बताया कि, कोविड संक्रमण की वजह से विधवा हुई महिलाओं के पुनर्वास हेतु राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर है.
इस विषय को लेकर महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर की अध्यक्षता में ऑनलाईन पध्दति से एक बैठक आयोजीत की गई थी. जिसमें महिला व बालविकास विभाग के प्रधान सचिव श्रीमती ई. झेड. कुंदन, सहसचिव शरद अहिरे, आयुक्त राहुल मोरे, उपायुक्त दिलीप हिवराले, कोरोना एकल महिला पुनर्वसन समिती के निमंत्रक हेरंब कुलकर्णी सहित महिलाओं के लिए काम करनेवाली राज्य की करीब 150 स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
इस बैठक में मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जिस तरह कोविड संक्रमण के चलते अपने माता-पिता खो चुके बच्चे विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे है, उसी तरह कोविड संक्रमण के दौरान अपने पति खो देनेवाली महिलाएं भी निराधार हो गई है. ऐसी महिलाओं को परिवार एवं उत्तराधिकार के हक से बेदखल किये जाने के कई मामले सामने आये है. ऐसे में इन महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना तथा अन्य योजनाओं का लाभ मिलने हेतु उन्हें अनाथ बच्चों के लिए चलाई जानेवाले वात्सल्य उपक्रम में शामिल किया जायेगा. साथ ही इन निराधार महिलाओं को रोजगार के अवसर एवं दैनिक जरूरतों के लिए आवश्यक सहायता भी उपलब्ध करायी जायेगी. इस कार्य हेतु केंद्र सरकार से महिलाओं व बच्चों के लिए योजना चलाने हेतु अपेक्षित मदद मिलना बेहद जरूरी है. वहीं राज्य सरकार द्वारा भी अनाथ बच्चोें के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर गठित टास्कफोर्स में कोविड संक्रमण की वजह से विधवा हुई महिलाओं के सर्वेक्षण संबंधी काम शामिल करने पर विचार किया जायेगा.