महाराष्ट्र

विदर्भ को मिले फिर तीन विधायक

भावना गवली, कृपाल तुमाने को संयम का पुरस्कार

* परिणय फुके को पार्टी निष्ठा का फल
नागपुर/दि.13– विधान परिषद चुनाव का नतीजा शुक्रवार को घोषित हुआ और विदर्भ को और तीन विधायक मिल गए. शिंदे सेना की भावना गवली और कृपाल तुमाने तथा भाजपा के डॉ. परिणय फुके निर्वाचित हुए. लोकसभा का टिकट कटने के बाद भी दिखाए संयम का पुरस्कार गवली और तुमाने को मिला. साथ ही फुके को पार्टी निष्ठा का फल मिला है.
विधान परिषद के 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे. महायुती ने 9 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. यह सभी 9 उम्मीदवार निर्वाचित हुए. इस चुनाव में विदर्भ के उम्मीदवारो की तरफ ध्यान केंद्रीत था. लोकसभा चुनाव में यवतमाल की सांसद रहते हुए भी भावना गवली का टिकट काटा गया. उनके स्थान पर राजश्री पाटिल को उम्मीदवारी दी गई. तथा रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कृपाल तुमाने ही सांसद रहते उनका भी टिकट काटा गया. कांग्रेस से आयात करते हुए उमरेड के तत्कालीन विधायक राजू पारवे को भाजपा नेताओं की मध्यस्थता से शिंदे सेना की टिकट दी गई. गवली और तुमाने को बदला गया लेकिन वहां दिए गए उम्मीदवार निर्वाचित नहीं हुए. शिंदे सेना ने विदर्भ की यह दोनों सीटे गंवा दी. टिकट कटने के बाद गवली और तुमाने ने संयम नहीं छोडा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का भी साथ नहीं छोडा. लोकसभा चुनाव में जोरशोर से प्रचार किया. प्रचार के दौरान ही मुख्यमंत्री शिंदे ने गवली और तुमाने का उचित सम्मान किया जाएगा, ऐसा आश्वासन दिया था. विधान परिषद के चुनाव में शिंदे के कोटे में दो सीट आई. उन्होंने इन दोनों सीटो पर गवली और तुमाने को मौका देते हुए अपने आश्वासन का पालन किया. पार्टी के लिए मौका पडने पर त्याग करनेवालो को और दुविधा में भी साथ देनेवालो को न्याय दिया जाता है, ऐसा संदेश देने में मुख्यमंत्री शिंदे सफल हुए है. डॉ. परिणय फुके यह भंडारा-गोंदिया स्थानीय स्वराज्य संस्था निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद में गए थे. पश्चात राज्यमंत्री हुए. भाजपा नेता उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर उन्होंने साकोली निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के विरोध में विधानसभा का चुनाव लडा और पराजित हुए. पश्चात भंडारा-गोंदिया लोकसभा के लिए तैयारी की. लेकिन टिकट नहीं मिली. ऐसा रहते हुए भी उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा और फडणवीस का साथ नहीं छोडा. इसी का फल उन्हें मिला. उन्हें भाजपा की तरफ से विधान परिषद में मौका मिला.

* विदर्भ में फुके अव्वल
जीत के लिए 23 वोट का कोटा निश्चित किया गया था. 26 वोट लेते हुए परिणय फुके विदर्भ में अव्वल रहे. कृपाल तुमाने को 25 तथा भावना गवली को 24 वोट मिले. विदर्भ के इन तीनों नेताओं ने कोटे से अधिक वोट लेते हुए जीत हासिल की.

* मुख्यमंत्री शिंदे ने की विदर्भ में ‘पीच’ तैयार
इस चुनाव के माध्यम से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विदर्भ पर फोकस किया स्पष्ट होता है. महायुती ने उनके कोटे में आई दोनों सीटे उन्होेंने विदर्भ को दी. शिंदे एक सीट मुंबई अथवा ठाणे दे सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए विदर्भ मजबूत करने पर जोर दिया. विदर्भ के दोनों विधायको की जीत का शिंदे ने विधानसभा चुनाव के लिए विदर्भ में ‘पीच’ तैयार करने का काम किया है.

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