महाराष्ट्र

विदर्भ विकास निधि में नहीं की जाएगी कटौती

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में दी जानकारी

मुंबई/दि.25 – विदर्भ-मराठवाडा तथा शेष महाराष्ट्र विकास महामंडल क्षेत्र अंतर्गत निर्देशानुसार ही निधि का प्रावधान किया गया है. जिसमें विदर्भ तथा मराठवाडा को दी जाने वाली निधि में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी ऐसी जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार को विधानसभा में दी. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य के विकास के लिए महाविकास आघाडी सरकार कटीबद्ध है. विदर्भ तथा मराठवाडे के विकास के लिए निधि की कमी नहीं होने देंगे.
राज्य की महाविकास आघाडी सरकार किसानों के साथ भी खंभीरता के साथ खडी है. नैसर्गिक आपदा काल में किसानों को एसडीआरएफ के निकष से अधिक मदद राज्य सरकार व्दारा की गई. रबी के मौसम में किसानों के कृषि पंप की बिजली भी चालू रहेगी मात्र किसानों को चालू बकाया बिल भरना होगा. चालू बकाया बिल भरने के पश्चात कृषि पंपों की बिजली आपूर्ति खंडित नहीं की जाएगी और बिजली आपूर्ति पूर्ववत की जाएगी ऐसा भी उपमुख्मंत्री पवार ने कहा.
विधानसभा के शीत सत्र में नियम 293 अंतर्गत उपस्थित किए गए. चर्चा के दौरान सभी प्रश्नों के उत्तर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने देकर सरकार की भूमिका स्पष्ट की. उपमुख्यमंत्री पवार ने बताया कि राज्य सरकार ने आर्थिक वर्ष 2021-22 के लिए जनसंख्या के प्रमाण में विदर्भ के लिए 23 फीसदी निधि अपेक्षित रहने के बावजूद 26 फीसदी निधि वितरीत की. उसी प्रकार मराठवाडा के लिए 18 फीसदी निधि अपेक्षित रहते हुए 18 फीसदी निधि का वितरण किया गया. शेष महाराष्ट्र के लिए 58.23 निधि अपेक्षित थी. जिसमें 55.38 फीसदी निधि का वितरण किया गया है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए पवार ने कहा कि साल 2013-14 से साल 2017-18 इन पांच वर्षो के कार्यकाल में विदर्भ के लिए 24.85 फीसदी, मराठवाडा के लिए 15.42 फीसदी तथा शेष महाराष्ट्र के लिए सिर्फ 43.62 फीसदी निधि प्रत्यक्ष स्वरुप में खर्च की गई थी. महाराष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए कोकण तथा उत्तर महाराष्ट्र के लिए स्वतंत्र विकास महामंडल की मांग राज्य सरकार की ओर से की गई है ऐसी जानकारी राज्य के उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में शीतसत्र के दौरान दी.

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