महाराष्ट्र

विदर्भ-मराठवाडा के उद्योगों को दिलासा; विद्युत सबसिडी पुनः शुरु

राज्य सरकार का अध्यादेश 1200 करोड़ रुपए देने का निर्णय

नागपुर/दि.29-राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण में राज्य सरकार ने विदर्भ-मराठवाड़ा के उद्योगों को दिलासा देते हुए बिली बिल में फिर से सबसिटी देने का निर्णय लिया है. इस बात निकाले गए अध्यादेश में उद्योगों को प्रति वर्ष 1,200 करोड़ रुपए देने की बात कही है. इसका फायदा उत्तर महाराष्ट्र के डी एवं डी प्लस क्षेत्र के उद्योगों को मिलेगा.
* पहले छह महीने सबसिडी बंद
वर्ष 2016 में विदर्भ एवं मराठवाड़ा के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने बिजली बिल पर सबसिडी देने की घोषणा की थी. जिसके लिए वार्षिक 1,200 करोड़ रुपए का निधि वितरित करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन 2021 के सितंबर महीने स सबसिडी देना बंद हुआ.
वर्ष 2022 में सिर्फ अप्रैल महीने में सबसिडी दी गई. राज्य सरकार के निर्णय के कारण उद्योगों में रोष था. दूसरी ओर राज्य सरकार ने नियम में संशोधन करने हेतु समिति की स्थापना की थी. कुछ उद्योग बड़े पैमाने पर सबसिडी लेने का सरकार का विचार था.
* वार्षिक 20 करोड़ मर्यादा
अब सरकार द्वारा निकाले गए अध्यादेश में नये मार्गदर्शक तत्व के अनुसार सबसिडी देने का निर्णय लिया गया है. इसमें वार्षिक 20 करोड़ की मर्यादा निश्चित की गई है. इससे अधिक सबसिडी कोई भी उद्योग नहीं ले सकेगा. ऐसा इसमें स्पष्ट किया गया है. 1 अप्रैल 2022 से नई सबसिडी लागू होगी. अब स्थिर सहूलियत, कार्यक्षमता आधार व बिजली के घटकों पर सबसिडी दी जाएगी. नये उद्योगों को लाभ लेने के लिए जिला उद्योग केंद्र या उद्योग संचालनालय का प्रमाणपत्र बंधनकारक रहेगा.
* एचटी उद्योगों को कम फायदा
राज्य सरकार के आदेश के कारण एलटी यानि लघुदाब उद्योगों को फायदा होगा, लेकिन एचटी यानि उच्च व अतिउच्चदाब के उद्योगों को पहले की अपेक्षा कम सबसिडी मिलेगी. इसमें सिर्फ 10 प्रतिशत ही उद्योग आते हैं. सबसिडी की मर्यादा 20 करोड़ किए जाने का अच्छा निर्णय है. लेकिन वीआयए इस निर्णय का विरोध करेगी.
– आर.बी. गोयनका, ऊर्जा विशेषज्ञ व उपाध्यक्ष
विदर्भ इंडस्ट्रीज असोसिएशन (वीआयए)
कहां कितनी अपेक्षित सबसिडी
क्षेत्र               प्रति युनिट सबसिडी
विदर्भ                 1.20 रुपए
मराठवाड़ा            1.10 रुपए
उत्तर महाराष्ट्र        75 पैसे
डी                      55 पैसे
डी प्लस              85 पैसे
सरकार के पास पैसे कहां से आएंगे?
सरकार ने उद्योगों को 1,200 करोड़ रुपए सबसिडी देने की घोषणा तो की लेकिन यह पैसे कहां से आएंगे, यह गंभीर प्रश्न है. घोषणा में केवल नियोजन है, लेकिन प्रत्यक्ष में पैसों का वितरण नहीं होता. पैसे मिले नहीं तो महावितरण सबसिडी कैसे देगा? यह भी प्रश्न है.
– सुधीर मुनगंटीवार, पूर्व वित्तमंत्री, राज्य सरकार

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