जुबानी जंग का अखाडा बना विधान भवन
आपत्तिजनक बयानों को लेकर भिडे सत्तापक्ष व विपक्ष
* सांसद राउत के बयान पर सत्तापक्ष ने जताई जबर्दस्त आपत्ति
* गोगावले की जुबान फिसलने से विपक्ष भी हुआ हमलावर
* हंगामे के बीच दिन भर के लिए स्थगित हुई विधानसभा की कार्रवाई
मुंबई./दि.1 – राज्यसभा सांसद व शिवसेना नेता संजय राउत द्बारा एक जनसभा के दौरान विधान मंडल को चोर मंडल (चोरो का अड्डा) कहे जाने के चलते आज विधान भवन में बजट सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में कामकाज शुरु होते ही सत्तापक्ष के विधायकों ने अपनी जबर्दस्त आपत्ति दर्ज कराई और सांसद संजय राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई किए जाने की मांग की. जिस समय सत्तापक्ष के विधायकों द्बारा सांसद संजय राउत के बयान को जमकर आडे हाथ लिया जा रहा था और विपक्ष काफी हद तक रक्षात्मक मुद्रा में था, तभी सत्तापक्ष में शामिल शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले की जुबान फिसल गई और उन्होंने सांसद संजय राउत के लिए असंसदीय शब्द का प्रयोग कर डाला. जिसे सुनते ही विपक्ष अचानक ही हमलावर हो उठा और सत्तापक्ष को कुछ हद तक अपनी भूमिका नर्म करनी पडी. साथ ही खुद भरत गोगावले ने अपने उस शब्द को पीछे लेते हुए पूरे मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया. लेकिन तब तक सदन एक तरह से जुबानी जंग का अखाडा बन चुका था. ऐसे में हंगामे को लगातार बढता देख विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन की कार्रवाई को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया.
बता दें कि, शिवसेना नेता व सांसद संजय राउत ने शिव गर्जना अभियान के तहत कोल्हापुर में आयोजित जनसभा के दौरान राज्य सरकार की आलोचना करते हुए विधान मंडल को चोर मंडल प्रतिपादित किया था. जिसकी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुई है. ऐसे में आज बजट सत्र के दौरान विधान सभा में कामकाज शुरु होते ही सत्ता पक्ष ने सांसद संजय राउत के बयान का जमकर निषेध किया. इस समय मंत्रीगुलाबराव पाटिल ने कहा कि, जिन लोगों को सांसद संजय राउत चोर कह रहे है, उन्हीं लोगों के वोटों के भरोसे वे राज्यसभा में पहुंचे है. यह बात संजय राउत ने भुलनी नहीं चाहिए और यदि हम लोग चोर है, तो संजय राउत को चाहिए कि, वे अपनी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर अच्छे लोगों के दम पर दोबारा चुनाव जीतकर दिखाए. वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, अगर पूरा विधान मंडल ही चोर मंडल है, तो इसी विधान मंडल में उद्धव ठाकरे भी सदस्य के तौर पर शामिल है. ऐसे में संजय राउत उन्हें भी चोर कह रहे है. फडणवीस के मुताबिक महाराष्ट्र विधान मंडल को देश का सर्वोत्तम विधान मंडल कहा जाता है. जिसे चोर कहने का अधिकार किसी को नहीं है. अगर अदालत के खिलाफ बोलने पर कंटेम्ट ऑफ कोर्ट होता है. तो विधान मंडल को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई करने की व्यवस्था है. यदि देश के सर्वोच्च सदन का हिस्सा रहने वाले व्यक्ति द्बारा राज्य विधान मंडल का अपमान किया जाता है, तो यह अपने आप में बेहद गंभीर मसला है. जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.
उल्लेखनीय है कि, जिस समय सत्तापक्ष द्बारा सांसद संजय राउत के बयान को लेकर अपनी तीव्र आपत्ति जताई जा रही थी, तब राज्य के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार और कांग्रेस के विधायक बालासाहब थोरात ने भी बचावात्मक भूमिका अपनाते हुए खुद को सांसद संजय राउत के बयान से असहमत बताया. इसी समय शिंदे गुट से वास्ता रखने वाले विधायक भरत गोगावले ने सांसद संजय राउत की आलोचना करते हुए एक असंसदीय शब्द का प्रयोग कर डाला. जिसे सुनते ही अब तक बचावात्मक मुद्रा में रहने वाली महाविकास आघाडी के विधायकों ने सत्तापक्ष पर जमकर निशाना साधना शुरु कर लिया. ऐसे में भाजपा विधायकों द्बारा इस मुद्दे को उठाने हेतु की गई पूरी मेहनत पर पानी फिरता नजर आया. विपक्षी विधायकों द्बारा कहा गया कि, अगर बाहर कहीं गई बातों को लेकर इतनी आपत्ति जताई जा रही है, तो सदन के भीतर कहे जाने वाले असंसदीय शब्दों पर भी आक्षेप उठने चाहिए. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गोगावले के वक्तव्य को जांचने की बात कहते हुए सभी को शांत करने का प्रयास किया और संजय राउत के खिलाफ आए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को लेकर निर्णय देने का भी प्रयास किया. लेकिन इस समय तक सदन में स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी थी और हंगामा लगातार बढ रहा था. ऐसे में विधानसभा के कामकाज को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.
* 2 दिन में जांच कर 8 मार्च को होगा फैसला
विधानसभा की कार्रवाई स्थगित करने से पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि, संजय राउत पर विशेषाधिकार हनन के संदर्भ में 2 दिन के भीतर जांच पूरी की जाएगी और आगामी 8 मार्च को इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा.