महाराष्ट्र

27 अगस्त से शुरू होगा मनपा में वार्ड रचना के प्रारूप का काम

राज्य निर्वाचन आयोग ने कच्चा प्रारूप तैयार करने दिये निर्देश

  •  आगामी फरवरी माह में हो सकते है मनपा चुनाव

  • एकल वार्ड पध्दति से होंगे मनपा चुनाव

मुंबई/दि.25 – वर्ष 2022 में कार्यकाल खत्म होनेवाली महानगरपालिकाओं के चुनाव हेतु प्रारूप प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने के निर्देश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गये है. जिसके तहत आगामी 27 अगस्त से प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने का काम शुरू करने हेतु संबंधित मनपा आयुक्तों को निर्देशित किया गया है.
बता दें कि, आगामी वर्ष में अमरावती सहित अकोला, नागपुर, चंद्रपुर, बृहन्मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर, भिवंडी-निजामपुर, पनवेल, मिरा-भाईंदर, पिंपरी-चिंचवड, पुणे, सोलापुर, नासिक, मालेगांव, परभणी, नांदेड-वाघाला व लातूर महानगरपालिकाओं का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. इन सभी मनपा क्षेत्रों में तय समय पर चुनाव करवाने हेतु वार्ड रचना व प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने का काम शुरू करने को लेकर निर्देश देने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कहा गया है कि, 31 दिसंबर 2019 को राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सभी महानगरपालिकाओें में बहुसदस्यीय प्रभाग पध्दति की बजाय एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति लागू की गई है. अत: प्रत्येक प्रभाग अब एक सदस्य का ही रहेगा. अत: प्रभाग रचना के लिए जनगणना विभाग द्वारा प्रकाशित की गई सन 2011 की जनसंख्या को ग्राह्य माना जाये तथा मनपा के विगत आम चुनाव के बाद जारी अधिसूचना तथा मनपा क्षेत्र में विभिन्न विकास योजनाओं की वजह से हुए भौगोलिक बदलाव को शामिल किया जाये. साथ ही साथ कच्चा प्रारूप तैयार होते ही इसकी जानकारी तुरंत ही निर्वाचन आयोग को ई-मेल के जरिये अवगत करायी जाये. ताकि आयोग द्वारा मनपा निहाय अगली कार्रवाई की जा सके.

  •  ओबीसी आरक्षण को लेकर संभ्रम

इस अधिसूचना में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, नागरिकों के पिछडावर्ग के आरक्षण को लेकर विकास गवली द्वारा महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई पश्चात अदालत द्वारा 4 मार्च 2021 को दिये गये निर्णयानुसार आवश्यक कार्रवाई करनी है. ऐसे में आरक्षण को लेकर प्रारूप प्रभाग प्रसिध्दी तथा आरक्षण के ड्रॉ के संदर्भ में आवश्यक निर्देश आगे चलकर दिये जायेंगे. जिसका सीधा मतलब है कि, जब तक ओबीसी आरक्षण का मसला पूरी तरह से हल नहीं होता, तब तक चुनाव होने पर संभ्रम मंडराता रहेगा.

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