महाराष्ट्र

घुसपैठियों और आतंकवादियों के खिलाफ हम सब एक है : गडकरी

कहा- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा महाराष्ट्र के लिए नहीं

* कुछ लोगों द्वारा जनता को मूल अर्थ से भटकाया जा रहा है
* विकास को बताया सत्ता की कुंजी
नागपुर/दि.12-महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव प्रचार में व्यस्त केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा महराष्ट्र के लिए नहीं, ऐसा स्पष्ट करते हुए विकास को सत्ता की कुंजी बताया. मंत्री गडकरी के मुताबिक, घुसपैठियों और आतंकवादियों के खिलाफ हम सब एक हैं. अगर हम सब एक रहेंगे तो किसी दुश्मन की मजाल नहीं, जो भारत की तरफ आंख उठाकर भी देख सके.
चुनावी सभाओं में व्यस्त नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र चुनाव में बंटेंगे तो कटेंगे’ इस नारे के बारे में लोगों में निर्माण गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों द्वारा इस नारे का दूसरा मतलब निकाल कर लोगों को इसके मूल अर्थ से भटकाया जा रहा है. मुझे नहीं लगता कि इसका महाराष्ट्र में कोई असर दिख सकेगा. हम सब साथ, सबका विकास की अवधारा में विश्वास रखते हैं. हम सभी देशवासी एक है और रहेंगे. देश की जनता की बांटने का काम कांग्रेस कर रही है. जातिगत जनगणना हम एकजुट देशवासियों के बीच मतभेद पैदा करेगी. भाजपा सब को साथ लेकर देश को दुनिया में सबसे अग्रिम पंक्ति में खडा करना चाहती है.
* सकारात्मक राजनीति को प्राथमिकता
गडकरी ने कहा कि, न हम बटेंगे और न हम कटेंगे. हम एक रहेंगे और आतंकवादियों त घुसपैठियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करके सेफ रहेंगे. हमने हमेशा सकारत्मक राजनीति की है. यही सफलता और लोकप्रियता का कारण है. आजकल राजनीति में महत्वाकांक्षा और अपेक्षाएं काफी बढ गई है. अगर आप जनता को साथ लेकर और उसके विकास लिए काम करते हैं तो आपकी सभी आकांक्षाएं और अपेक्षाएं खुद ही पूरी हो जाएंगी. चुनावी सभाओं में भी किसी की कमी या खामी बताने की बजाय उस क्षेत्र और वहां की जनता के विकास की बात करने पर गडकरी का जोर रहता है.
* 90 फीसदी टिकट वितरण सहमति से
गठबंधन में सीट बंटवारे और पार्टी में टिकट वितरण से कार्यकर्ताओं में दिख रही नाराजगी मुद्दे पर नितिन गडकरी ने कहा कि, निर्णय कोई भी हो, कुछ लोगों में नाराजगी रहेगी ही. फिर भी इस बार 90 प्रतिशत टिकट वितरण सहमति से हुआ है. विरोध तो हर निर्णय का होता ही है, लेकिन अच्छी बात यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर बागी उम्मीदवारों ने संगठन से जुडकर ही काम करने पर सहमति जताई है.
* हम तब भी जीते थे और अब भी जीतेंगे
लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के माहौल और मुद्दों में अंतर के बारे में मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि, हम तब भी जीते थे और अब भी जीतेंगे. संविधान बदलने का झूठा नैरेटिव गढ कर विपक्ष ने मतदाताओं को बहकाने की कोशिश जरूर की थी, लेकिन जनता ने उनको हकीकत से रु-ब-रु करा दिया. न तो हम संविधान बदलना चाहते है और न ही किसी को बदलने देंगे.
हमेशा पॉजिटीव अप्रोच रखें
गडकरी के मुताबिक, पॉजीटिव अप्रोच के साथ अगर कोई व्यक्ति काम करता है तो उसे थकान महसूस नहीं होती. सुबह 7 बजे उठने के बाद रात को 12 कब बज जाते है, इसका पता ही नहीं चलता. लेकिन इतनी व्यस्तता के बावजूद योग, परिवार और भोजन के लिए समय निकाल लेता हूं. गडकरी ने अपनी दिनचर्या और जीवनशैली को साझा करते हुए कहा कि, मुझे तरह- तरह के भोजन करना पसंद है. व्यस्तता के दौर में लोग कल के कार्यक्रमों की चिंता करते हैं, उनके विपरीत मैं यह सोचता हूँ कि कल क्या और कहां खाया जाए. मेरे घर के मेन्यू कार्ड में 67 डिशेस हैं. इनमें फाइव स्टार होटल से लेकर ठेठ गांव में बनने वाले व्यंजन शामिल हैं.
* चुनाव में प्रचार के लिए सबसे ज्यादा डिमांड
राज्य विधानसभा चुनाव के प्रचार में सबसे ज्यादा मांग परिवहन मंत्री गडकरी की है. भाजपा सहित महायुति के उम्मीदवारों को गडकरी में उम्मीद नजर आती है. इस बात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि चुनाव के दौरान वे सबसे अधिक करीब 65 आमसभाओं को संबोधित करने वाले हैं. वे रोज 6 से 7 सभाओं में शिरकत कर रहे हैं.

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