१० अक्तूबर के महाराष्ट्र बंद को हमारा समर्थन नहीं
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सांसद छत्रपति संभाजी राजे ने स्पष्ट की भुमिका
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आरक्षण के मसले पर मराठा समाज में दो फाड
मुंबई/दि.२ – सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा समाज को स्थगनादेश दिये जाने के बाद समूचे राज्य में मराठा समाज द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. जिसके तहत मराठा आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आगामी १० अक्तूबर को महाराष्ट्र बंद का आवाहन किया गया है. लेकिन अब इस मामले को लेकर मराठा समाज दो धडों में बट गया है. मराठा समाज के नेता और सांसद छत्रपति संभाजीराजे भोसले ने इस बंद को अपना समर्थन नहीं रहने की बात स्पष्ट करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र बंद करने से कोई फायदा नहीं होनेवाला है. सांसद भोसले के मुताबिक इस समय कोरोना संक्रमण का समय चल रहा है. ऐसे में किसी भी तरह का आंदोलन नहीं होना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, बंद का आवाहन करनेवाले लोग मराठा समाज के नेता भी नहीं है. अत: उनके बंद को मराठा समाज की ओर से कोई समर्थन नहीं है. हालांकि उनका यह भी कहना रहा कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को स्थगिती दिये जाने की वजह से मराठा समाज बेहद दुखी है, लेकिन फिर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, इस समय राज्य सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि, जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से मराठा समाज से स्थगिती नहीं हटायी जाती, तब तक मराठा समाज को ईडब्ल्यूएस के तहत १० प्रतिशत आरक्षण का लाभ लेना चाहिए. इस विषय को लेकर सीएम उध्दव ठाकरे के साथ भी एक बैठक हुई है, लेकिन ईडब्ल्यूएस का आरक्षण किसी एक जाती के लिए नहीं, बल्कि पूरे खुले प्रवर्ग के लिए है. और आज यदि हमने इस आरक्षण का लाभ लिया तो सुप्रीम कोर्ट में मराठा समाज का कोई दावा नहीं रह जायेगा. उल्लेखनीय है कि, मराठा आरक्षण संघर्ष समिती के सुरेश पाटील ने ही विगत दिनों हुई गोलमेज परिषद में प्रस्ताव पारित किया था कि, जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण से स्थगनादेश नहीं हटाया जाता तब तक मराठा समाज ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, छत्रपति संभाजी महाराज और छत्रपति उदयनराजे राज परिवार से वास्ता रखते है और वे समस्त बहुजन समाज के प्रतिनिधि है. अत: उन्होंने अपने आप को केवल मराठा समाज के नेतृत्व तक सीमित नहीं रखना चाहिए. बल्कि यह जिम्मा समाज के कार्यकर्ताओं को सौंपना चाहिए.