अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रार्थना करते हैं हम, हे प्रभु हंसते हुए निकले दम : संतोष महाराज

चालीहा महोत्सव का भक्त ले रहे लाभ

* शक्तिमहाराज की विशेष उपस्थिति
अमरावती/दि.2-स्थानीय सिंधु नगर स्थित पूज्य शिवधारा आश्रम में चल रहा है शिवधारा झूलेलाल चालीहा महोत्सव के आज 18 दिन पर परम पूज्य संत श्री डॉ संतोष देव जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी में फरमाया, कि जैसे व्यवसाय नौकरी वाले भाई लोग 31 मार्च को अपने अकाउंट की ऑडिट के माध्यम से स्वयं की आमदनी की समीक्षा करते हैं, कितना कमाया, कितना खर्चा और मूल बात यह की कितना बचाया, वैसे ही हमारे जीवन का सार हमारे जीवन के अंतिम समय को मानना चाहिए, क्योंकि जैसे जिसने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा, वह लगभग बड़े रोगों से ग्रस्त होकर दुखी होकर संसार से नहीं जाएंगे, जैसे आमदनी बढ़ाने पर जो बचत का नियम भी अपनाते हैं उनकी वृद्धावस्था लगभग दुखी नहीं गुजरती, वैसे ही हमारा विचार व्यवहार वाणी आहार उच्चार हमारे भविष्य को निश्चित करते हैं. कुछ लोग अपने व्यवहार और वाणी से अपनों को भी पराया बना देते हैं और आयु बढ़ने के साथ अकेलेपन का दुख देखते रहते हैं और वहीं कुछ लोगों को देखा गया है. अपने व्यवहार और वाणी के माध्यम से अपनों को तो अपना बना ही रखते हैं, परंतु पराये को भी अपना बना लेते हैं और वह जब संसार से चले जाते हैं तो एक मधुर याद छोड़ जाते हैं. इसीलिए हमारा कर्म और प्रार्थना ऐसी होनी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक दूसरों को सुख पहुंचाना हो, प्यार बांटना हो और एकदम कम से कम नफरत, किसी को दुख पहुंचाना आदि हो और यही मानवता व आध्यात्मिकता का सार है, कि जैसे हमारे जीवन का अंत अच्छा होना चाहिए. इस समय संत डॉ.संतोष महाराज ने कई उदाहरण देकर भक्तों का मार्गदर्शन किया. महाराज ने कहा कि, 1008 सद्गुरु स्वामी शिवभजन जी महाराज कहा करते थे, हमारे ही कर्म सुख या दुख के रूप में सामने आते ही हैं.इस अवसर पर काली माता के महंत 1008 शक्ति महाराज भी विशेष रूप में पधारे थे.
* शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से पितृ दोष ,शनि की दशा के कारण कष्टों से छुटकारा मिलता है.

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