महाराष्ट्र

स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव हेतु हम तैयार

राज्य निर्वाचन आयोग ने दिया सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

मुंबई/दि.28- राज्य की कार्यकाल खत्म कर चुकी महानगरपालिकाओं, नगरपालिकाओं, जिला परिषदों, पंचायत समितियों तथा ग्रामपंचायतों के चुनाव हेतु हमारी तमाम तैयारियां पूर्ण हो चुकी है और किसी भी वक्त चुनाव करवाने के लिए हमारे पास तमाम व्यवस्थाएं तैयार है. इस आशय की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दी गई है. साथ ही इसे लेकर दायर हलफनामे में कहा है कि, 17 जून से 11 जुलाई की कालावधि के दौरान चुनाव करवाना पूरी तरह से संभव भी है. ऐसे में अब इस मामले को लेकर आगामी 4 मई को सुनवाई होगी. विशेष उल्लेखनीय है कि उस समय प्रतिवादी रहनेवाले राज्य सरकार व राज्य निर्वाचन आयोेग की ओर से अगली तारीख या सुनवाई में समयावृध्दि को लेकर किये जानेवाले निवेदन को मान्य नहीं किया जायेगा. यह बात सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दी गई है, यानी आगामी 4 मई को इस मामले के संदर्भ में कोई अंतिम निर्णय जरूर आयेगा.
बता दें कि, राज्य सरकार ने विगत 11 मार्च को प्रभाग रचना के अधिकार अपने पास रखने के संदर्भ में एक कानून मंजूर किया है. जिसे चुनौती देनेवाली याचिका पवन शिंदे व अन्यों द्वारा एड. सुधांशू चौधरी, एड. देवदत्त पालोदकर व एड. अडगांवकर के मार्फत सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई. जिस पर न्या. ए. एम. खानविलकर व न्या. अभय ओक की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष विगत 25 अप्रैल को सुनवाई हुई. इस समय राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से एड. अजीत कडेठाणकर तथा राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एड. शेखर नाफडे, एड. सुंदरम, एड. राहुल चिटणीस व एड. सचिन पाटील द्वारा पैरवी की गई.

* क्या कहा गया है हलफनामे में
राज्य निर्वाचन आयोग के उपायुक्त अविनाश सणस ने आयोग की ओर से दायर हलफनामे में कहा है कि, कोविड 19 के संक्रमण की वजह से वर्ष 2020-21 में चुनाव नहीं कराये जा सके. किंतु कोविड संक्रमण की पहली लहर बीत जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में 14 हजार 234 ग्रामपंचायतों सहित 6 जिला परिषदों व 44 पंचायत समितियों के चुनाव वर्ष 2021 में लिये गये. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार 106 नगर पंचायतों के चुनाव भी करवाये. इसी तरह कार्यकाल खत्म हो चुकी और जारी वर्ष के दौरान कार्यकाल खत्म करनेवाली सभी स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की प्रभाग रचना को लेकर भी तैयारी पूर्ण हो चुकी है और कई स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की प्रभाग रचना का कार्य पूरा भी हो चुका है. अत: राज्य निर्वाचन आयोग किसी भी समय चुनावी अधिसूचना जारी करते हुए चुनाव करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

* राज्य सरकार की भूमिका है अलग
वहीं दूसरी ओर इस मामले में राज्य सरकार की ओर से ग्रामविकास विभाग के उपसचिव मनोज दत्तात्रय जाधव द्वारा रखी गई भूमिका कुछ अलग है. राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गये हलफनामे में कहा गया है कि, राज्य निर्वाचन आयोग के पास पर्याप्त मनुष्यबल उपलब्ध नहीं है और कार्यकाल खत्म कर चुकी महानगरपालिकाओं, नगरपालिकाओं व नगरपंचायतों के चुनाव करवाने हेतु बुलाये गये आवेदनों में बडे पैमाने पर आपत्तियां व आक्षेप भी प्राप्त हुए है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 11 मार्च तक 13 महानगरपालिकाओें की प्रभाग रचना से संबंधित कार्रवाई पूर्ण नहीं की थी, बल्कि केवल आपत्ति व आक्षेप ही मंगाये थे. वहीं 208 नगरपालिकाओं के संदर्भ में केवल प्रारूप प्रभाग रचना प्रकाशित हई थी और आपत्त्ति व आक्षेपों की प्रक्रिया भी पूर्ण नहीं हुई थी. साथ ही 24 जिला परिषदों व 254 पंचायत समितियों की प्रभाग रचना प्रक्रिया भी अब तक शुरू नहीं की गई और 6 हजार 792 ग्राम पंचायतों के संदर्भ में इस समय तक केवल प्रारूप प्रभाग रचना की कार्रवाई ही शुरू की गई है. किंतु यह कार्रवाई बेहद प्राथमिक स्तर पर रहने के चलते उसे रद्द करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया. साथ ही प्रभाग रचना का अधिकार अपने पास रखने का राज्य सरकार को संवैधानिक अधिकार है. ऐसे में याचिककर्ता का डर व चिंता निराधार है. इस शपथपत्र में यह भी कहा कि, जनसंख्या वृध्दी के चलते महानगरपालिका, नगरपालिका व नगरपंचायतत की सदस्य संख्या बढाने का निर्णय लेते हुए राज्य सरकार ने एक सदस्यीय की बजाय बहुसदस्यीय प्रभाग रचना को लागू किया है.

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