महाराष्ट्र

सरकारी स्कूलों में जाएगें हम

दो साल में १० फीसदी बढी छात्रों की संख्या

  • असर की रिपोर्ट में सामने आयी जानकारी

मुंबई./दि.३०कोरोना पृष्ठभूमि पर लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से अनेक लोगोंं को रोजगार गवाना पडा है. वहीं कुछ लोगों को स्थालांतर करना पडा है. जिसके चलते राज्य में वर्ष २०१८ की तुलना में २०२० में सरकारी स्कूलों में छात्रों का प्रमाण लगभग १० फीसदी बढा है. शिक्षा क्षेत्र की यह रिपोर्ट असर संस्था की ओर से सामने लायी गई है.
राज्य में वर्ष २०१८ में सरकारी स्कूलों में ५३.२ फीसदी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. २०२० में यह प्रमाण ६३.८ फीसदी पर पहुंच गया है. वर्ष २०१८ में लडकियों का प्रमाण ५७.३ फीसदी था वहीं इस वर्ष यह प्रमाण ६५ फीसदी हुआ है. सरकारी स्कूलों की तरफ छात्रों का बीते कुछ दिनों से क्रेज बढ रहा है. लॉकडाउन के चलते हुए स्थालांतरण से सरकारी स्कूलों में प्रवेश का प्रमाण बढने की जानकारी विशेषज्ञों ने जताई है. इस बार छात्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंच रही है या नहीं उनको मौलिक सुविधाएं मिल रही है या नहीं इसका ब्यौरा भी असर की रिपोर्ट में लिया गया है. जिसके चलते सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढते हुई दिखायी दे रही है.

  • स्कूल नहीं जाने वालो में वृद्धी

देश स्तर पर वर्ष २०१८ में ६२.८ फीसदी छात्र सरकारी स्कूलों में पढाई कर रहे थे. यह प्रमाण २०२० में ६६.४ फीसदी हुआ है. सरकारी स्कूलों में पढाई करने वाले लडकियों का २०१८ का प्रमाण ७० फीसदी था. वह वर्ष २०२० में ७३ फीसदी हुआ है. अब तक कक्षा पहली के अनेक छात्रों को प्रवेश की प्रतिक्षा होने की जानकारी रिपोर्ट में सामने आयी है. इसलिए इस बार स्कूल नहीं जाने वाले छात्रों का प्रमाण भी कुछ हद तक बढते हुए दिखायी दे रहा है.
उच्च प्राथमिक समूह का प्रमाण ज्यादा
उच्च प्राथमिक समूह में सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने का क्रेज ज्यादा दिखायी दे रहा है. वर्ष २०१८ में कक्षा ६ से ८ वीं में सरकारी स्कूलों में ४१ फीसदी लडके थे. २०२० में यह प्रमाण ६४ फीसदी बढ गया है यानि यह वृद्धी २३ फीसदी तक बढ गई है.

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