कुंकू निर्माण के लिए पश्चिम बंगाल, इंदूर, केम अधिक प्रसिध्द
राज्य में केम से कुंकू की आपूर्ति
* चिंचोकी पावडर, मैद्या से निर्मिति,
* अकेले तुलजापुर में 400 टन की बिक्री
धाराशिव/दि.19– राज्य मेंं तुलजापुर, कोल्हापुर, पंढरपुर सहित अन्य जगह पर से केम में बननेवाले कुमकुम की बडी मांग होती है. सालभर में तुलजापुर में 200 टन कुंकू सोलापुर जिले के केम से मंगाया जाता है. प्रत्यक्ष में उससे अधिक दुगना यानी 400 टन कुंकू बेचा जाता है. ऐसी जानकारी व्यापारियों ने दी. प्राकृतिक गुणों के कारण केम का कुमकुम वाले का कुमकुम भक्तों का पसंदी होता है.
* पश्चिम बंगाल में कुंकू का रंग भडक तथा इंदूर का कुंकू सुगंधी पश्चिम बंगाल- बंगाल में शोभायात्रा व पूजा में उडाने के लिए कुंकू का उपयोग किया जाता है. बंगाल में कुंकू का रंग बहुत डार्क रहता है. कुंकू का सबसे अधिक उत्पादन व बिक्री बंगाल में ही होती है. नवरात्रि में उपयोग बढता है.
इंदूर- अन्य राज्य में बिक्री के लिए इंदूर में कुंकू का निर्माण होता है. यहां पर कुंकु का बडा कारखाना है. रासायनिक तरीके से ही कुंकू का निर्माण किया जाता है. इंदूर के सुगंधी कुंकू की अधिक मांग होती है.
केम- सोलापुर जिले के केम (ता. करमाला) में 20 से अधिक कुंकू बनने के कारखाने है. चिंचोकी पावडर, मैदा इसके साथ अन्य रासायन का उपयोग कर कुंकू का निर्माण किया जाता है. केम यह कुंकू बनने का प्रमुख केंद्र है.
* कुंकू बनाने में हल्दी का भी उपयोग
तुलजापुर में इंदूर, केम से कुंकू लाया जाता है. हमारे पास स्वयं का कारखाना है. हल्दी से हम कुंंकू तैयार करते है.
– नागनाथ वझे, कुंकू कारखानदार, तुलजापुर
* सुहागन महिलाएं देती है कुंकू का वाण
हल्दी और कुंकू यह सौभाग्य की निशानी माना जाता है. प्राचीन काल से सुहागन के लिए हल्दी कुंकू का वाण दिया जाता है.
नागनाथ भांजे, मंदिर पुजारी