मुंबई/दि.15 – कोरोना महामारी के दौर में मजबूती से राज्य का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की लोकप्रियता फिर से दर्ज की गई है. प्रश्नम संस्था ने देश के तेरह राज्यों में सर्वेक्षण किया. जिनमें से मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री साबित हुए हैं. जिसके बाद राज्य की विरोधी पार्टी भाजपा की ओर से उध्दव ठाकरे के नेतृत्व में लगातार सवालिया निशान उठाये जाने के बाद इस सर्वेक्षण महाविकास आघाड़ी और शिवसेना में नई संजीवनी देने वाला साबित हो रहा है. लेकिन इस पर भी विरोधियों ने निशाना साधा है.
मुख्यमंत्री की लोकप्रियता पर मनसे महासचिव संदीप देशपांडे ने निशाना साधा है. देशपांडे ने कहा कि हमारी कक्षा में एक बच्चा था जो कभी पढ़ाई नहीं करता था. फिर भी वह अव्वल आता था. एक तो वह होशियार था या फिर कॉपी करता था, या मैनेज कर उत्तीर्ण होता था. ऐसा ही कुछ मुख्यमंत्री पर भी लागू होता है. नंबर वन आने के लिए काम करना पड़ता है, लेकिन बीते डेढ़ वर्षों से मुख्यमंत्री ने क्या किया? यह भी सवाल उठ रहा है. उनकी इस टिप्पणी से राजनीतिक क्षेत्र में सनसनी मची है. शिवसेना की ओर से अब इस टिप्पणी पर क्या जवाब दिया जाता है, यह देखना महत्वपूर्ण है. इस समय संदीप देशपांडे ने लॉकडाउन को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में मरीजों की संख्या कम हो गई है. फिर भी पाबंदियां हटाई नहीं जा रही है. जिन्होंने दो टीके लगवाये है, उन्हें पाबंदियों से छुटकारा दिये जाने की मांग भी देशपांडे ने की है. टीकाकरण के बाद भी पाबंदियां लागू रहने से टीकाकारण का क्या फायदा? यह सवाल भी उन्होंने किया.
मुंबई लोकल शुरु करने के संदर्भ में भी मुख्यमंत्री को मनसे की ओर से पत्र दिया गया है. लेकिन मुख्यमंत्री को सिर्फ घर में ही बैठे रहना है. इसलिए जनता सरकार से नाराज है. यह वसुली सरकार केवल हफ्ताखोरी कर रही है.यह आरोप भी देशपांडे ने लगाया.