* अब पीटीशन-पीटीशन खेल रहे
* अमरावती भूमिगत गटर योजना का अमृत 2 में है मंजूर
* 1718 करोड की योजना
अमरावती/दि. 24- शहर की विधायक सुलभा संजय खोडके ने स्पष्ट कर दिया कि आगामी 50 वर्षो तक अमरावती- बडनेरा को भरपूर पेयजल आपूर्ति करने वाली अमृत-2 को विस्तारित जलापूर्ति योजना मंजूर की गई है. इसी में शहर की भूमिगत गटर योजना का भी शेष कार्य का मिलाकर 1718 करोड का संसोधित प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. शीघ्र यह प्रस्ताव मंजूर होने एवं गटर योजना के काम को गति देने का मानस सुलभा खोडके ने व्यक्त किया. खोडके ने भूतपूर्व राज्यमंत्री डॉ. सुनील देशमुख का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग आज कोर्ट में जाकर पीटीशन-पीटीशन खेल रहे हैं. वे ही राज्यमंत्री और विधायक रहते भूमिगत गटर योजना के बारे में निष्क्रीय थे. जिसके कारण इतने वर्षो बाद भी यह योजना कंम्पलिट नहीं हो सकी. खोडके ने कहा कि मनपा पर योजना का भार न देते हुए शासन से ही संपूर्ण योजना मंजूर करवाई गई है.
शहर के प्रलंबीत हो रहे गटर योजना हेतु उच्च न्यायालय में पीआईएल स्वीकार किए जाने की खबरे प्रकाशित होने के बाद सुलभा संजय खोडके ने भूमिगत गटर योजना के बारे में वस्तु स्थिती बतलाई. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से संपूर्ण फंड लाकर अमृत-2 में गटर योजना का कार्य प्रस्तावित किया गया है. इसका फालोअप बराबर लिया जा रहा है. शीघ्र प्रस्ताव मंजूर हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि अमृत-2 अंतर्गत भूमिगत गटर योजना को गति देने हाल ही में गत 10 दिसंबर को उन्होंने मजीप्रा अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. जिसमें उप विभागीय अभियंता स्वप्निल शेंडे और शाखा अभियंता कुलट ने जानकारी दी. अमृत चरण-1 योजना के प्रस्ताव में तकनीकि बदलाव आने के बाद पिछली दो बैठकों में विधायक सुलभा खोडके के निर्देशानुरुप संसोधित प्रारुप तैयार किया गया. इस प्रस्ताव की कीमत 1718 करोड है. प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है. शहरी विकास मंत्रालय के प्रधानसचिव को भी इस बारे में गत 22 नवंबर को ही पत्र देकर विनंती किए जाने की जानकारी दी गई है.
30 वर्षो का विस्तार
विस्तारित जलापूर्ति योजना शहर के अगले तीन दशकों के विस्तार और जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाए जाने का दावा किया गया. इसीलिए अमृत चरण-2 में संसोधित प्रारुप मंजूर होने पर शहर की भूमिगत गटर योजना समावेश उसमें हो जाएगा. काम जल्द से जल्द पूर्ण करवाने पर जोर रहेंगा. सुलभा खोडके ने बताया कि वे स्वयं इस बडी योजना का प्रस्ताव राज्य और केंद्र सरकार के पास मंजूर करवाने पहले कर चुकी है. फालोअप ले रही है.
सभी का 33 प्रतिशत हिस्सा
सुलभा खोडके ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा स्पष्ट करते हुए कहा कि जलापूर्ति योजना का भार किसी एक एजंसी पर नहीं डाला जा रहा. केंद्र सरकार राज्य शासन और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण का 33-33 प्रतिशत हिस्सा तय कर निधी उपलब्ध करवाने के प्रयत्न का वचन भी सुलभा खोडके ने दिया. विधायक महोदया ने दावा किया कि शीघ्र गटर योजना पूर्ण कर ली जाएगी.
देशमुख को तगड़ा प्रत्युत्तर, सवाल भी किए
विधायक खोडके ने भूमिगत गटर योजना को लेकर पीआईएल दाखिल करने वाले डॉ. सुनील देशमुख को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता डॉ. देशमुख स्वयं 1999 से 2004 तक विधायक और राज्यमंत्री की श्रेणी प्राप्त थे. उन्हीं की पार्टी के मुख्यमंत्री थे. पूनः 2004 से 2009 तक वे ही पालकमंत्री और राज्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री भी उन्हीं के दल के थे. 2014 में फिर डॉ. देशमुख विधायक बने. उन्हें कैबिनेट रैंक भी प्राप्त थी. उस समय भी उनकी पार्टी के ही सीएम थे. फिर भी डॉ. देशमुख ने भूमिगत गटर योजना को लेकर कोई फालोअप नहीं किया. इसी से शहर की स्वच्छता और जन स्वास्थ के प्रति उनकी अनास्था व्यक्त होने का प्रश्न भी सुलभा खोडके ने उठाया. खोडके ने कहा कि 2018 में केंद्र सरकार की अमृत अभियान चरण-1 में अमरावती की योजना मंजूर की गई थी. किंतु अमरावती महापालिका को इसके लिए 2019 से पहले अपना समभाग (हिस्सा) देना आवश्यक था. उस समय भी मनपा की आर्थिक दशा को ध्यान में रखकर मनपा स्वनिधी प्राप्त नहीं होने से योजना खारिज हो गई थी. सुलभा खोडके ने सवाल उठाया कि उस समय याचिका कर्ता देशमुख ने सरकार से फंड लाने की कोशिश करनी चाहिए थी. सरकार से ही फंड लाने सुलभा खोडके ने स्पष्ट किया कि बारंबर बैठक लेकर शासन और प्रशासन स्तर पर लगातार फालोअप लेकर वे बडी योजना तैयार कर मंजूर करवा रही है. जिसमें मनपा पर अकेले भार नही आएगा.