नेता कब खाते, कब उठते, उनकी स्टॅमिना का रहस्य क्या?
लोकसभा चुनाव प्रचार के मैदान में सभी नेता व्यस्त

मुुंबई/दि.08– लोकसभा चुनाव के प्रचार का ज्वर चढ रहा है. उसी प्रकार तापमान का पारा भी अनेक जगहों पर 42 डिग्री पर पहुंच गया है. सभी पार्टी के बडे नेता प्रचार के मैदान में उतरे हैं. सुबह से रात 1-2 बजे तक चुनाव की राजनीति संबंध में विविध आघाडी पर काम करते समय ये नेता थकते कैसे नहीं है? ये नेता खाते क्या? कब सोते हैं और कब उठते हैं, ऐसे अनेक प्रश्न हमारे-तुम्हारे मन में उठते हैं. लोगों के मन में इन नेताओं के बारे बडा कौतूहल होता है. सभी राजनीति पार्टी के ये प्रमुख नेताओं के रूटीन इस चक्कर में डालनेवाले होते हैं.
संतुलित आहार, संभवतया खाने का निश्चित समय नाश्ता और भोजन में 6 घंटे का अंतर रखना, ऐसा ध्यान सभी नेता रखते हैं. देवेंद्र फडणवीस सुबह 11 बजे नाश्ता करते हैं और रात में एक बार ही भोजन करते हैं. विगत कुछ माह से उनकी यही रूटीन है. सुबह जल्दी उठकर कही जाना हो तो सुबह 5.30 बजे ही उठते हैं. वैसे तो वे 7 बजे उठकर वे 8 बजे तैयार होते हैं. फिर रात को सोने का समय निश्चित नहीं होता. व्यायाम के लिए नेताओं के पास समय नहीं . उनके साथ रहनेवाले व्यक्ति बताते हैं, साहब को वह संभव नहीं. डॉक्टरों की सलाह से आहार लेना व आहार पर नियंत्रण रखते हैं.
उध्दव ठाकरे के साथ उनका कुक भी होता है. जिस होटल में वे रूकते है. वहां किचन में जाकर वह कुक, भोजन बनाता है. दाल-चावल, उबले हुए पदार्थ, उबली हुई सब्जियां, सँडविच, चिकन ऐसा उनका नाश्ता, भोजन में रहता है. तला हुआ वे भोजन नहीं करते. परहेज करते हैं.
* पैर में भिंगरी लगी है
– मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वैसे तो देर रात तक जागने के लिए फेमस हैं. रोज एक-डेढ बजे सोते हैं. चुनाव के समय रात तीन साडे तीन तक सोते है. उम्र के 82 वें वर्ष में शरद पवार का स्टैमिना यह अफलातून है.
– स्वास्थ्य संबंध में परहेज होने पर भी उध्दव ठाकरे भरी धूप में घूमते हैं. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले यह पैर में भिंगरी लगी हो जैसे, इस तरह घूमते हैं.
– फडणवीस, बावनकुले रोज हजार बारह सौ मैसेज का उत्तर देते हैं. दो सौ ढाई सौ लोगों से फिर भी फोन पर बात करते हैं. मुलाकात बैठकें उनकी दिन भर शुरू ही रहती है.
शरद पवार परसों वर्धा में अमर काले का आवेदन भरने गये थे. काले ने रथ बनाया था. उसे आठ सीढियां उंची थी. पवार के पीए शिंपी ने पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को बताया कि इतनी सीढियां चढकर साहब रथ पर नहीं जायेंगे. अनिल बाबू ने साहब को बताया. साहब ने कुछ ध्यान नहीं दिया. साहब गये और फौरन सीढियां चढकर रथ पर विराजमान हो गये. तब सभी आश्चर्य में पड गये.
* पटोले मां का सुनते हैं
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ये हमेशा फिटनेस संभालते हैं. इसके लिए मर्यादित खाना उनका मुख्य सूत्र है. वह सुबह घर से निकलते हैं, तो कुछ खाकर निकलते हैं. यह अपनी मां के उपदेश का वह पालन करते हैं.