यवतमाल/दि.2– विवाह की वेदी पर मंगलाष्टक पढे जा रहे थे. बारातियों के कानों में ‘लग्न हे भोगासाठी नसुनिया….’ की आवाज आ रही थी. अचानक यह शादी नहीं हो सकती ऐसी आवाज सुनी. सभी अचंभित हो गए. क्या हुआ, इसका कयास लगा रहे थे. तब बताया गया कि लडकी नाबालिग है. बुधवार को यवतमाल जिले में समिती ने दो बाल विवाह इस प्रकार ऐन समय पर रोके. इसे बंबईया फिल्म अंदाज में की गई कार्रवाई कह सकते हैं.
मालेगांव तहसील के पहापल और यवतमाल तहसील के गहुली हेटी में घटनाएं हुई. जिला बाल संरक्षण केंद्र में किसी का फोन आया. फोन से जानकारी दी गई कि जिले में दोपहर 12.05 बजे दो बाल विवाह होने जा रहे है. दोनों उपवधु की आयु की पुष्टी की गई. दोनों नाबालिग रहने का खुलासा होते ही दोनों गांवो में पथक भेजे गए. मंगलाष्टक शुरु थे तब टीम विवाह मंडप में पहुंची. विवाह रुकवाए.
कार्रवाई के बाद लडकी के अभिभावकों को समझाया गया. लडकी की आयु 18 वर्ष न होने तक विवाह न करने के बारे में बताया गया. 1 लाख रुपये दंड और दो वर्ष की जेल होने की चेतावनी दी गई. पालकों से लिखित हमी पत्र लिया गया. सप्ताह भर में जिले में यह दूसरी कार्रवाई रही. आठ रोज पहले 22 अप्रैल को पांच बालविवाह रोके गए थे. पाढंरकवडा के पिंपलशेंडा गांव में एक ही पंडाल के नीचे सामूहिक विवाह हो रहे थे. उनमें पांच उपवधू नाबालिग थी.