नागपुर-अमरावती-मलकापुर रास्ता कब तक दुरुस्त होगा?
उच्च न्यायालय का सवाल : प्राधिकरण से मांगी प्रगति की रिपोर्ट
मुंबई/दि.23 – नागपुर-अमरावती-मलकापुर रास्ते की अत्यंत दुरावस्था होने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ी है. मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को इस बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को फटकार लगाई, वहीं यह रास्ता कब तक दुरुस्त किया जाएगा, ऐसा प्रश्न पूछते हुए एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए.
मामले पर न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुके्र व अनिल किलोर के समक्ष सुनवाई हुई. इस संदर्भ में एड. अरुण पाटील ने जनहीत याचिका दाखल की है. यह याचिका अमरावती-मलकापुर रोड के लिए ही मर्यादित थी. न्यायालय ने बुधवार को याचिका की व्याप्ति बढ़ाकर उसमें नागपुर-अमरावती रोड का भी समावेश किया.
यह रास्ता अत्यंत खराब हो चुका है. ठेकेदार ने गत अनेक महीने से रास्ते की दुरुस्ती नहीं की. परिणामस्वरुप यह रास्ता वाहन चालकों के लिए काफी तकलीफदेय बना हुआ है. न्यायालय ने स्वयं इसका अनुभव लिये जाने से यह बात महामार्ग प्राधिकरण के ध्यान में लायी हैै.
अमरावती-मलकापुर रोड का फोर लेन का काम गत तीन वर्षों से रुका हुआ है. 2019 में प्राधिकरण ने अमरावती-मलकापुर रोड का काम 70 प्रतिशत पूर्ण किये जाने का दावा किया था. उस पर आक्षेप लिये जाने के बाद सच सामने लाने के लिए समिति स्थापित की गई थी. उस समिति ने प्राधिकरण का दावा झूठ साबित किया था. परिणामस्वरुप न्यायालय ने अब तक यह रास्ता नहीं के समान होने की टिप्पणी प्राधिकरण पर की. वहीं नागपुर-अमरावती-मलकापुर रास्ते की तुरंत दुरुस्ती करना जरुरी होने के विचार व्यक्त किए. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. फिरदोस मिर्झा ने कामकाज देखा.
ठेकेदार टोल लेता है, दुरुस्ती नहीं करता
ठेकेदार व्दारा नागपुर-अमरावती रोड पर प्रति वर्ष करोड़ो रुपए का टोल वसूल किया जाता है. लेकिन इस रास्ते की नियमिति दुरुस्ती नहीं की जाती. जिसके चलते यह रास्ता अत्यंत खराब हो गया है.इस रास्ते पर दुर्घटनाएं होकर प्राणहानि हो रही है. ऐसा न्यायालय ने दर्ज किया.