जलजीवन मिशन का पानी कहां जा रहा, राज्य में 26 हजार योजनाएं अपूर्ण
50 हजार मंजूर कामों में से केवल 23 हजार योजनाओं का काम पूरा

* 470 काम शुरु ही नहीं हुए
मुंबई ./दि.11- समूचे राज्य में जिला परिषद द्वारा जलजीवन मिशन योेजना चलाई जाती है. परंतु राज्य में इन योजनाओं को लेकर स्थिति विदारक है. क्योंकि 50 हजार रुपए मंजूर कामों मेें से केवल 23 हजार काम ही पूर्ण हुए है. वहीं 26 हजार योजनाओं का काम अधूरा पडा हुआ है. साथ ही 470 योजनाओं का काम अब तक शुरु ही नहीं हुआ है. जिसके चलते जलजीवन मिशन में पानी कहां जा रहा है, ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है.
राज्य में 470 योजनाओं का काम शुरु ही नहीं हुआ. जिनमें अकोला, यवतमाल, गोंदिया, भंडारा, गडचिरोली, नागपुर, चंद्रपुर, रायगड, कोल्हापुर, पुणे, रत्नागिरी, ठाणे, हिंगोली, जालना, बीड, नंदूरबार, सांगली, सातारा, नाशिक, परभणी, सिंधुदुर्ग व धुले जिलों का समावेश है.
* अमरावती अव्वल
राज्य में 660 में से 637 योजना यानि 96.5 फीसद काम पूर्ण कर अमरावती जिला सबसे अव्वल स्थान पर है. वहीं नंदूरबार जिले में 2,554 में से केवल 619 योजना यानि महज 24.2 फीसद तथा बीड में 1,273 में से केवल 19.1 फीसद योजनाओं के काम पूरे हुए है. यह दोनों जिले राज्य मेें 33 वें व 34 वें स्थान पर है. इसके अलावा कुछ जिलों मेें जलजीवन मिशन योजना का काम केवल कागजों पर ही चल रहा है.
* दिसंबर-26 तक काम पूरा करना जरुरी
दिसंबर 2026 तक सभी योजनाओं के काम 100 फीसद पूरा करने का निर्देश जल व स्वच्छता मिशन के अभियान संचालक इ. रवींद्रन द्वारा विगत 8 अप्रैल को ही जारी किया गया है.
* मजिप्रा का काम केवल 9 फीसद
राज्य में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण अंतर्गत 945 योजनाएं है. जिसमें से केवल 94 योजनाएं पूर्ण हुई है. यानि मजिप्रा द्वारा मात्र 9 फीसद योजनाओं का काम किया गया है. दो योजनाएं तो कागज पर ही है. जिनका काम ही शुरु नहीं हुआ है. इसके अलावा अन्य योजनाएं अपूर्ण पडी है.
* योजना पूर्ण होने के बावजूद घागर खाली
कुछ स्थानों पर योजना का काम पूरा हो जाने के बावजूद ग्रामीणों को आज भी तपती धूप में एक घागर पानी के लिए लंबी दूरी नापनी पडती है. बीड जिले में ऐसे गांवों की संख्या सबसे अधिक है.
* ऐसी है आंकडेवारी (जिप अंतर्गत)
50,568 – कुल योजना
23,699 – काम पूर्ण
0% काम – 470
1 से 25% काम – 4343
26 से 50% काम – 5516
51 से 75% काम – 7609
76 से 99% काम – 9831