नई दिल्ली/दि.२९ – आरोग्य सेतु एप को किसने विकसित किया है, इसकी जानकारी सरकार के पास नहीं है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) ने कहा कि ‘आरोग्य सेतु एप को डेवलप किए जाने से संबंधित कोई भी फाइल एनआईसी के पास नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मांगी गई जानकारी नेशनल ई-गवर्नेस डिवीजन के पास भेजा, जिसने कहा- जो सूचना मांगी गई है, वह हमारे प्रभाग से संबंधित नहीं है.
इस पर केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी)ने सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय, एनआईसी और नेशनल ई-गर्वनेस डिवीजन को कारण बताओं नोटिस जारी किया है. सीआईसी ने कहा है कि सूचना नहीं देने के लिए आरटीआई एक्ट के तहत जुर्माना क्यों न लगाया जाए. सीआईसी ने अधिकारियों से २४ नवंबर को जवाब मांगा है. बता दे कि सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ दास ने सूचना आयोग से यह शिकायत की थी कि आरोग्य सेतु एप किसने बनाया. इस बारे में कई मंत्रालय जवाब देने में विफल रहे. उन्होंने एप के प्रस्ताव के मूल विवरण, इसके अनुमोदन विवरण इसमें शामिल कंपनियो, व्यक्तियों और सरकारी विभागों और एप्लीकेशन को विकसित करने में शामिल निजी लोगों के बीच पत्राचार की प्रतियां जैसे विवरण भी मांगे थे.
नोटिस के बाद सरकार ने सफाई दी
सीआईसी के नोटिस के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि आरोग्य सेतु एप पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से बनाया गया है और इसे पीपीपी के तहत विकसित किया गया है। इसे बनानेवाले को लेकर कोई भ्रम नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के हर मौके पर यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि आरोग्य सेतु एप को एनआईसी ने उद्योग और विशेषज्ञ वॉलंटियर्स के सहयोग से विकसित किया है।