मुंबई/दि.१९ – भाजपा नेता और सांसद उदयनराजे भोसले व सांसद संभाजीराजे भोसले मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में एक बात करते है, वहीं दिल्ली में कोई अलग ही बात करते है, लेकिन ये दोनों राजा है और उनसे प्रश्न कौन पूछ सकता है, क्योंकि राजा से सवाल पूछने या सुझाव देने का काम जनता का नहीं है. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने छत्रपति घराने के दोनों भाजपा नेताओं व सांसदों पर बिना नाम लिये तंज कसा.
इस समय राकांपा प्रमुख सांसद शरद पवार मराठवाडा के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे है और उन्होंने इस दौरे के बीच तुलजापुर में एक पत्रकार परिषद को संबोधित किया. जिसमें उदयनराजे व संभाजीराजे की मराठा आरक्षण के संदर्भ में भुमिका को लेकर पूछे गये सवाल पर सांसद शरद पवार ने उपरोक्त बात कही. साथ ही इस समय जब उनसे भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के राकांपा में प्रवेश को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि, खडसे को अपने राजनीतिक भविष्य के लिए क्या निर्णय लेना है, यह उन्हें खुद तय करना होगा. उन्होंने कहा कि, भाजपा के उत्थान और विकास में एकनाथ खडसे का काफी बडा योगदान है और वे भाजपा की ओर से काफी प्रखरतापूर्ण ढंग से काम करते आये है. किंतु पार्टी ने उनका यथोचित सम्मान नहीं किया. ऐसे में हो सकता है कि, जहां उन्हें समूचित सम्मान प्राप्त हो, वे वहां जा सकते है. इस समय राकांपा छोडकर जा चुके लोगों को दुबारा पार्टी में लेने के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर राकांपा सुप्रीमो ने कहा कि, जो जहां चला गया है, अब वहीं सुखी रहे.
इस समय गृहमंत्री अमित शहा द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के संदर्भ में कही गयी बात का संदर्भ देते हुए शरद पवार ने कहा कि, राज्यपाल द्वारा प्रयोग में लायी गयी भाषा की हर स्तर पर आलोचना हुई है. इतनी आलोचना के बाद कोई भी आत्मसम्मानी व्यक्ति अपने पद पर नहीं रूकेगा. लेकिन यदि किसी ने तय ही कर लिया है कि, उसे अपने पद का सम्मान नहीं करना है, तो कुछ नहीं किया जा सकता.
इस समय अपने दौरे के संदर्भ में जानकारी देते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, राज्यभर अतिवृष्टि का काफी बडा संकट आया है. जिसमें किसानों का काफी नुकसान हुआ है. इस संकट से बाहर निकालने हेतु सभी ने किसानों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए..