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शिवसेना किसकी, सुनवाई अगले साल

जनवरी तक सुनवाई आगे टली, आज केवल 5 मिनट चली सुनवाई

नई दिल्ली/दि.12 – शिवसेना और उसके चुनावी चिन्ह को लेकर ठाकरे गुट व शिंदे गुट द्बारा किए गए दावों पर आज केंद्रीय निर्वाचन आयोग में सुनवाई होनी थी. परंतु दोनों गुटों से चर्चा करने के बाद निर्वाचन आयोग ने आज की सुनवाई को महज 5 मिनट में निपटा दिया और अगली सुनवाई आगामी जनवरी माह में करने की बात कही. यानि अब इस मामले की सुनवाई आगामी वर्ष 2023 में ही होगी और शिवसेना किसकी है, इसका फैसला भी अगले वर्ष ही होगा.
उल्लेखनीय है कि, शिंदे गुट द्बारा की गई बगावत के बाद शिवसेना 2 अलग-अलग गुटों में बट गई और दोनों ही गुटों ने अपने आप को असली शिवसेना बताते हुए पार्टी के नाम और चुनावी चिन्ह पर दावा ठोका था. जिसके चलते निर्वाचन आयोग ने दोनों गुटों को दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु कहा था और तय समयावधि के भीतर दोनों गुटों द्बारा दस्तावेज जमा कराए जाने के बाद निर्वाचन आयोग ने इस मामले की सुनवाई शुरु हुई. इस समय ठाकरे गुट की ओर से सांसद अनिल देसाई भी उपस्थित थे. जिन्होंने बाद में मीडिया को बताया कि, केंद्रीय आयोग के समक्ष सुनवाई शुरु होने से पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कुछ महत्वपूर्ण बाते बताई.
जिसके तहत आयोग के समक्ष जमा किए गए दस्तावेजों की पडताल किस तरह से महत्वपूर्ण रहेगी. इसकी जानकारी देने के साथ ही दोनों गुटों की ओर से आए आवेदनों पर मुख्य सुनवाई करनी है, या अब जो बाते सामने आ रही है. उसे लेकर अधिक जानकारी लेनी है, इस पर दोनों गुटों से चर्चा की गई. जिसके बाद आगामी जनवरी माह में मुख्य सुनवाई करने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते आज हुई सुनवाई में दोनों पक्षों के बीच कोई युक्तिवाद नहीं हुआ. ऐसा भी सांसद अनिल देसाई ने बताया.

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