मुंबई/दि.२६- कांग्रेस की वीर सावरकर की आलोचना पर चुप्पी के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधे जाने के एक दिन बाद शिवसेना ने पलटवार करते हुए सोमवार को पूछा कि बीजेपी ने पूर्व हिंदुत्व विचारक को अब तक भारत रत्न क्यों नहीं दिया? कांग्रेस राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार में शिवसेना की सहयोगी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन में तीसरा सहयोगी दल है. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने सोमवार को मीडिया के सामने कहा कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न महान और हिंदुत्ववादी नेता सावरकर को दिया जाना चाहिए.
दरअसल, शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली के दौरान रविवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कोविड-19 की स्थिति की वजह से विशाल शिवाजी पार्क की जगह यहां दादर इलाके में सावरकर हॉल में अपना संबोधन दिया था. प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने बाद में सत्ताधारी दल पर सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौते का आरोप लगाया. उपाध्ये ने कहा, उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस द्वारा सावरकर की आलोचना पर एक शब्द नहीं कहा और अब उन्हें सावरकर प्रेक्षागृह से दशहरा रैली को संबोधित करना पड़ा.
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने सोमवार को कहा कि शिवसेना कभी सावरकर से जुड़े मुद्दों पर चुप नहीं रही और कभी ऐसा करेगी भी नहीं. बीजेपी का नाम लिए बगैर राउत ने कहा कि पार्टी को सावरकर पर शिवसेना के रुख को लेकर इतिहास खंगालना चाहिए. राज्यसभा सदस्य ने कहा, वीर सावरकर हमेशा से शिवसेना और हिंदुत्व के प्रेरक रहे हैं. जो लोग हम पर सवाल उठा रहे हैंज्वे वीर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं देते? राउत ने जानना चाहा, आपने अपने पिछले छह साल से शासन में कई लोगों को यह पुरस्कार दिया. वीर सावरकर को भारत रत्न देने में आपको क्या परेशानी थी?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद पिछले साल शिवसेना ने राज्य में लंबे समय से उसकी सहयोगी रही बीजेपी का दामन छोड़ दिया था. शिवसेना ने सत्ता में साझेदारी और बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद संभालने के मुद्दे पर एक राय न होने के बाद यह कदम उठाया था.