अमरावतीमहाराष्ट्र

‘समृद्धि’ पर मुलभूत सुविधाएं क्यों नहीं?

हाईकोर्ट में असुविधाओं को लेकर उठा सवाल

* रास्ते महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक को समन्स जारी
नागपुर /दि. 30– राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रकल्प रहनेवाले समृद्धि महामार्ग पर अब तक मुलभूत सुविधाएं क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई है, ऐसा सीधा सवाल मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने गत रोज महाराष्ट्र राज्य रास्ते विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक से पूछा. साथ ही उन्हें समन्स जारी करते हुए अगली सुनवाई पर खुद उपस्थित रहने और अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
समृद्धि महामार्ग पर अच्छे उपहार गृह, प्रसाधन गृह, वाहन दुरुस्ती केंद्र जैसी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो इस हेतु सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वडपल्लीवार ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की है. जिस पर न्या. नितिन सांबरे व न्या. वृषाली जोशी की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. अदालत में 25 सितंबर 2024 को हुई सुनवाई में वडपल्लीवार को समृद्धि महामार्ग पर रहनेवाली समस्याओं का सर्वेक्षण करने और उसके आधार पर प्रतिज्ञापत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. जिसके चलते वलपल्लीवार ने 15 नवंबर 2024 को समृद्धि महामार्ग पर 500 किमी की यात्रा करते हुए अपनी वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट हलफनामा के तौर पर अदालत समक्ष पेश की थी.

* समृद्धि पर यह है समस्याएं
– वाहनों की रफ्तार व स्थिति सहित टायरों की अवस्था की जांच करने हेतु टोल नाके पर परिवहन अधिकारी उपस्थित नहीं रहते.
– स्वच्छता गृह की अवस्था काफी बुरी है और नियमित साफसफाई नहीं किए जाने के चलते स्वच्छता गृहों में गंदगी व दुर्गंध का आलम रहता है.
– किसी भी हादसे का शिकार होनेवाले लोगों के लिए प्रथमोपचार केंद्र व दवाओं की दुकाने समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर कहीं नहीं है.
– कुछ स्थानों पर खाद्यपदार्थ मिलते है परंतु वहां स्वच्छता का अभाव रहता है. साथ ही खाद्यपदार्थ के पर्याय भी मर्यादित है.
– वाहनों की दुरुस्ती हेतु कहीं कोई सुविधा नहीं है. साथ ही किसी भी चेक पॉइंट पर टायर में नाईट्रोजन भरने की सुविधा नहीं है और कहीं पर भी फास्ट ई-चार्जिंग स्टेशन भी नहीं है.
– महामार्ग के दोनों और अकाल जैसा वातावरण है और वृक्षारोपण नहीं किए जाने के चलते कहीं कोई हरियाली भी नहीं है.

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