पूजा चव्हाण आत्महत्या मामले में अपराध दर्ज क्यों नहीं किया ?
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा सवाल
मुंंबई/दि.25 – पुणे में घटित पूजा चव्हाण आत्महत्या मामले में अब तक कोई अपराध दर्ज क्यों नहीं किया गया, ऐसा सवाल करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता चित्रा वाघ ने इस बहुचर्चित आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने या इस मामले की जांच हेतु विशेष जांच पथक गठित करते हुए अदालत की देखरेख में जांच करने की मांग की है और इस मामले में अपराध दर्ज करने का आदेश पुणे के वानवडी पुलिस थाने को दिये जाये. ऐसी मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है.
न्या. एस. पी. देशमुख व न्या. गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ में सुनवाई हेतु स्वीकार की गई इस याचिका के मुताबिक मृत्यु से पूर्व पीडिता के एक राजनेता के साथ फोन पर हुए संभाषण की 11 ऑडिओ क्लिप उपलब्ध है. जिसमें संबंधित मंत्री के खिलाफ पुख्ता सबूत रहने और इस मामले को लेकर व्यापक जनक्षोभ उमडने के बावजूद भी पुलिस अब तक कानूनी कार्रवाई करने में असफल रही है और इस मामले में अब तक अपराध भी दर्ज नहीं किया गया है.
वहीं मुख्य सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने अदालत में दलील दी कि, इस मामले में चित्रा वाघ को याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है. जिस पर अदालत ने जानना चाहा कि, इस मामले में पीडिता के परिवारवाले आगे क्यों नहीं आये, तब चित्रा वाघ की ओर से एड. अतूल दामले ने अदालत को बताया कि, पीडिता के परिवार पर जबर्दस्त राजनीतिक दबाव है. पश्चात अदालत ने अपने समक्ष पेश किये गये दस्तावेजों पर विचार करते हुए सरकार से जानना चाहा कि, इस मामले में अब तक अपराध दर्ज क्यों नहीं हुआ है. साथ ही अदालत ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने का निर्देश भी दिया है.