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अभिभावक छेडछाड की झूठी शिकायत क्यों देंगे ? बेटी का भविष्य का सवाल है

हाईकोर्ट ने आर्वी के पोक्सो आरोपी की अर्जी खारिज की

नागपुर/दि.23– बच्चों के यौन शोषण प्रतिबंधक कानून पोक्सो ने आरोपी व्यक्ति की बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही में अर्जी ठुकरा दी. नागपुर खंडपीठ ने आदेश में कहा कि माता-पिता अपनी बेटी से छेडछाड की झूठी शिकायत क्यों देंगे ? आखिर बच्ची के भविष्य को देखते हुए ऐसा खतरा कोई माता-पिता नहीं लेंगे. न्यायमूर्ति गोविंद सानप ने अपने फैसले में यौन हमलों के शिकार व्यक्ति की मानसिक प्रताडना भयंकर होने का उल्लेख किया. यह भी कहा कि इस तरह के अपराध दोनों ही पक्षों के लिए अत्यंत पीडादायक और सामाजिक बदनामी वाले होते हैं. पहले ही लडकियां ऐसे छेडछाड के अधिकांश मामलों में शिकायत ही नहीं करती. वे यही सोचकर चुप रह जाती है.
* हाईकोर्ट की टिप्पणी
आरोपी के वकील द्बारा दिए गये तर्को को सिरे से खारिज कर हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी को फंसाना ही रहता तो लडकी की जगह उसकी मां छेडछाड, विनयभंग की शिकायत दे सकती थी. किंतु इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. कोर्ट ने पीडिता की मां द्बारा प्रस्तुत सबूतों को ग्राह्य किया.
* सत्र न्यायायल ने सुनाई है सजा
वर्धा जिले के आर्वी के आरोपी विनोद निचत को सत्र न्यायालय ने छेडछाड के प्रकरण में दोषी पाकर पोक्सो कानून के तहत 8 दिसंबर 2021 को 5 वर्ष सख्त कैद की सजा सुनाई थी. आरोपी को अपनी बेटी की सहपाठी 9 वर्ष की नाबालिग लडकी से छेडछाड का दोषी पाया गया था. घटना 27 नवंबर 2018 की हैं. जब पीडिता स्कूल जाने के लिए अपनी सहपाठी के घर गई थी. आरोपी निचत उस समय 47 वर्ष का था. उसने नाबालिग के साथ अश्लील हरकतें की. उसे 10 रूपए देकर चुप रहने कहा था. पीडिता बेहद घबरा गई. वह घर भागी और उसने माता-पिता को घटना के बारे में बताया कि जिन्होंने थाने की राह ली.

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